हर दिन लगभग 6.5 मेगावॉट बिजली का होगा प्रोडक्शन
कुछ चुनिंदा स्टेशनों और मैटेनेंस डिपो की छतों पर लगेंगे सोलर एनर्जी पैनल
पटना मेट्रो के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में करेगा मदद
शहर में एनर्जी की कमी को पूरा करेगा पटना मेट्रो प्रोजेक्ट
पटना मेट्रो, पटना के नागरिकों को स्वच्छ और हरित यातायात समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध
पटना मेट्रों के स्टेशनों पर एनर्जी की जरुरत के लिए एक योजना तैयार की गई है. इसके अंतर्गत जमीन के ऊपर कुछ चुनिंदा स्टेशनों और रखरखाव (मैटेनेंस) डिपो की छतों पर सोलर एनर्जी पैनल से जुड़े ग्रिड स्थापित किए जाएंगे. यह निर्णय भविष्य में काम आने वाली तकनीक और सोलर एनर्जी प्रोडक्शन की क्षमता पर विचार करते हुए लिया गया है. मेट्रो स्टेशनों की छतों पर स्थापित सोलर पैनल स्वच्छ और ग्रीन एनर्जी का प्रोडक्शन करेंगे जो कि पटना के मेट्रो स्टेशनों पर लगातार ऊर्जा आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगा.
सोलर पैनल हर दिन लगभग 6.5 मेगावॉट बिजली का प्रोडक्शन करेगी. ज्यादा से ज्यादा सोलर एनर्जी कैपेसिटी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न भवनों और ठिकानों पर सोलर फोटो वोल्टाइक (एस पी वी) स्थापित किया जाना प्रस्तावित है. ज़मीन के ऊपर के हर एक स्टेशन पर 200kw-300kw और हर एक अंडरग्राउंड स्टेशन पर 1500kw-2000kW एनर्जी की आवश्यकता होगी. उत्पादित एनर्जी का इस्तेमाल अन्य सेवाओं, जैसे लिफ्ट संचालन, प्रकाश व्यवस्था, सिग्नलिंग और दूरसंचार, अग्निशमन प्रणाली, किराया संग्रह प्रणाली, आदि के लिए किया जा सकेगा.
यह निर्णय पटना मेट्रो के कार्बन फुटप्रिंट कम करने और भविष्य में लगातार ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखने के लिए लिया गया है. पटना मेट्रो का यह प्रयास न केवल गैर नवीकरणीय एनर्जी स्रोतों पर निर्भरता को कम करेगा बल्कि यह भारत सरकार के 2030 तक नवीकरणीय एनर्जी स्रोतों से 50 प्रतिशत संचित विद्युत् ऊर्जा और 2070 तक ज़ीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य प्राप्ति के भी अनुरूप है. यह प्रयास बिहार नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन अभिकरण (ब्रेडा) द्वारा सतत निर्माण अभ्यासों के लिए सुझाए गए उपायों के अनुसार तैयार किया गया है.
पटना मेट्रो, पटना के नागरिकों को स्वच्छ और हरित यातायात समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का एक मुख्य लक्ष्य शहर में एनर्जी की कमी को पूरा करना है. सोलर एनर्जी अपनाकर यह न केवल कार्बन फुटप्रिंट कम कर रहा है बल्कि एक सतत भविष्य के निर्माण में भी सहयोग कर रहा है. इस प्रयास के द्वारा यह भविष्य को यातायात प्रणाली के लिए एक उदाहरण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.