जमानत रद्द हुई तो लटक सकती है गिरफ्तारी की तलवार
IRCTC मामले में हो सकती है 7 साल की सजा
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सीबीआई के अधिकारी को धमकी दे रहे हैं. वे जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. इसका असर जांच पर भी पड़ सकता है. ये बात रोज एवेन्यू कोर्ट में अपील में जांच एजेंसी ने कहा है. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को IRCTC घोटाला मामले में सीबीआई की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. इसमें उनसे पूछा गया है कि उनकी जमानत क्यों न रद्द की जाए. जवाब के लिए उन्हें 28 सितंबर का समय दिया गया है.
अगर तेजस्वी यादव समय पर इस नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक सकती है. अगर इस मामले में कोर्ट की नोटिस का तेजस्वी यादव सही समय पर सही जवाब नहीं दे पाते हैं, तो तब उनकी जमानत रद्द हो जाएगी. जमानत रद्द होती ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें एंटिसिपेट्री बेल लेनी पड़ेगी.
IRCTC टेंडर घोटाला मामले में तेजस्वी समेत अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है.इन धाराओं में तेजस्वी के लिए आगे काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है. ट्रायल के दौरान अगर सीबीआई पर्याप्त सबूत और गवाह प्रस्तुत कर देती है तो आरोपी को 7 साल तक की सजा हो सकती है.
PNCDESK