फरवरी में पारित बजट के बाद भी अबतक भुगतान नही

नौकरशाही द्वारा जानबूझकर पैदा की जा रही समस्या




नही हुआ निदान तो हो सकता है बड़ा आंदोलन : फुटाब

आरा, 31 दिसम्बर. बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाब) ने सरकार से मांग किया है कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को मासिक वेतन और पेंशन के अनियमित भुगतान के कारणों पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाए कि जब विश्वविद्यालयों का बजट इस वर्ष फरवरी/मार्च में पारित हो चुका है फिर भी नियमित भुगतान क्यों नहीं हो रहा है?

फुटाब के कार्यकारी अध्यक्ष कन्हैया बहादुर सिन्हा और महासचिव संजय कुमार सिंह, एमएलसी ने कहा है कि पूरे वर्ष 2024 में शिक्षकों और सरकार के बीच लगातार रस्साकशी के बाद, 4+3+1 महीने के अंतराल पर मासिक अनुदान जारी हुआ. अब नवंबर और दिसंबर का भुगतान भी जारी होना बाकी है. आगे बताया कि शिक्षकों के पास नए साल का स्वागत करने के लिए कुछ भी नया नहीं है.

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि केवल पांच विश्वविद्यालयों के लिए अनुदान उपलब्ध है और अन्य के लिए संसाधन जुटाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन महासंघ ने अनुदान को टुकड़ों में जारी करने पर आपत्ति जताई है.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोग समय पर परीक्षा और परिणाम प्रकाशित करने का श्रेय तो ले रहे हैं, लेकिन वे यह भूल रहे हैं कि शिक्षकों पर किस तरह का दबाव है, इसके वावजूद शैक्षणिक सत्र को नियमित करने मे सार्थक योगदान कर रहें हैं.

उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक संगठन फुटाब और फुस्ताब विश्वविद्यालयों पर थोपी गई इस उदासीन, कष्टप्रद और अपमानजनक व्यवस्था को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण विरोध/ कलम बंद हड़ताल या कोई अन्य रास्ता अपनाने का फैसला कर सकते हैं. जरूरत पड़ने पर वे नौकरशाही द्वारा जानबूझकर पैदा की जा रही अनिश्चितताओं का स्थायी समाधान करने के लिए कानूनी उपाय भी अपना सकते हैं.

उन्होंने उम्मीद जताई है कि नए राज्यपाल सह कुलाधिपति वित्तीय, शैक्षणिक और प्रशासनिक क्षेत्र में व्याप्त विसंगतियों पर गौर करेंगे, ताकि नई शिक्षा नीति के वांछित लक्ष्य को हासिल किया जा सके.

pncb

Related Post