शतरंज के ये हैं मास्टरमाइंड खिलाड़ी

शतरंज ने बढ़ायी एकाग्रता, 300 में 29 बने मात देने वाले खिलाड़ी

भोजपुर जिला शतरंज संघ द्वारा आयोजित और शांति स्मृति शैक्षणिक न्यास द्वारा प्रायोजित चार दिवसीय स्व. शारदा प्रसाद सिंह मेमोरियल जिला स्तरीय शतरंज टूर्नामेंट का समापन खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने के साथ ही हो गया. 26-29 दिसंबर तक चलने वाले प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूल और कॉलेजो से लगभग 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था. 300 प्रतिभागियों ने इन चार दिनों में शतरंज की बिसात पर अपने मोहरों के साथ लगभग 750 बाजियां खेलीं. चौथे और अंतिम दिन भी खिलाड़ियों ने एक दूसरे को मात देने के लिए सुबह से ही प्यादों की चाल एक दूसरे को मात देने के लिए चलते रहे, जिसका फैसला 2 बजे दोपहर तक हुआ.




शतरंज टूर्नामेंट के समापन सह पुरस्कार वितरण समारोह में विद्यालय की प्राचार्या और आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ अर्चना सिंह ने कहा कि यह आयोजन हर साल स्व. शारदा प्रसाद सिंह की स्मृति में किया जाता है ताकि इस माध्यम से छुपी हुई प्रतिभायें बाहर निकलें. मुख्य अतिथि के रूप में संजीव श्याम सिंह(सदस्य बिहार विधान परिषद) ने कहा शिक्षा का यही महत्व है कि बच्चों में छुपी सम्भनाओं को उजागर कर उसे बढ़ाया जाय.उन्होंने रूसी क्रांति और चम्पारण सत्याग्रह के माध्यम से समानता ढूंढने की संभावनाओ की चर्चा की. समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव भाई ब्रह्मेश्वर ने कहा कि कर्मठ व्यक्ति किसी चुनौती को स्वीकार कर उसपर विजय पा सकता है. उन्होंने विद्यालय के बारे में कहा कि सम्भावना में बहुत सारी सम्भावनायें सुरक्षित हैं जो आने वाले दिनों में हर क्षेत्र में अपना परचम लहरायेंगे. समारोह की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रबंध निदेश कुमार द्विजेन्द्र ने कहा कि आज के दौर में बच्चों में एकाग्रता की कमी सबसे बड़ी समस्या है. शतरंज पूरी तरह से एकाग्र होकर खेलने वाला खेल है, जो धीरे-धीरे एकाग्रता को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन आने वाले दिनों में मिल का पत्थर साबित होगा. साथ ही उन्होंने विभिन्न कॉलेज/स्कूलों के प्रबंधक और भोजपुर जिला शतरंज संघ के प्रति आभार प्रकट किया. भोजपुर जिला शतरंज संघ के सचिव प्रो. मो. सैफ ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मंच संचालन विद्यालय के उप-प्राचार्य राघवेन्द्र कुमार वर्मा ने किया. शतरंज के इस टूर्नामेंट के आयोजन में विद्यालय वरिष्ठ शिक्षक मार्कंडेय ओझा, ऋषिकेश ओझा, जटाशंकर दुबे,कमलेश ओझा, और विष्णु शंकर, सहित कई अन्य शिक्षको ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.


टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के कई वर्गों में फाइनल का परिणाम मुख्य निर्यायक नन्द किशोर और रंजय कुमार सिन्हा ने घोषित किया. जिसमे 29 खिलाड़ी बने अपने चाल से मात देने वाले धुरन्धर. इसके अतिरिक्त सभी वर्गों में चतुर्थ, और पंचम स्थान पर रहे खिलाड़ियों को भी सांत्वना पुरस्कार दिया गया. सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिया गया.

विजेता बने ये खिलाड़ी:

अंडर -07 (बालक)
प्रथम- अंकित अग्रहरि
द्वितीय- अभिजीत सहाय
तृतीय- दिव्यांश अग्रहरि
सांत्वना- हिमांशु कुमार

अंडर -07 (बालिका)
प्रथम- जाह्नवी
द्वितीय- रित श्री

अंडर -11(बालक)
प्रथम- सूरज वी राठौर
द्वितीय- विष्णु पांडे
तृतीय- नीरव विशाल
सांत्वना- अविनाश कुमार

अंडर-11(बालिका)
प्रथम- प्रतिष्ठा श्रीवास्तव
द्वितीय- प्रिया कुमारी
तृतीय- प्रतिष्ठा नागेंद्र सिंह
सांत्वना- अक्षिता त्रिपाठी

अंडर-15 (बालक)
प्रथम- आदर्श कुमार
द्वितीय- अनिकेत कुमार शुक्ला
तृतीय- कृति शंकर
सांत्वना- तनिष्क राज वी राठौर

अंडर -15(बालिका)
प्रथम- अस्मिता सिंह
द्वितीय- अदिति सिंह
तृतीय- माधुरी गोयल
सांत्वना- अग्रणी प्रिया

सीनियर(पुरुष)
प्रथम- विजय कुमार सिंह
द्वितीय- शुभम
तृतीय- आदर्श कुमार
सांत्वना- अर्जुन उपाध्याय

सीनियर(महिला)
प्रथम- पूनम कुमारी
द्वितीय- अदिति सिंह
तृतीय- निधि कुमारी

 

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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