आज शनिवार है और सूर्यपुत्र शनि को आज के दिन का स्वामी माना जाता है. नवग्रहों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान रखनेवाले शनि की कई कथाएं पुराणों में प्रचलित है. शनि को लेकर कई भ्रांतियां हैं और उन्हें मारक, अशुभ और दु:ख कारक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जिस राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैया रहती है उस राशि के जातकों के लिए अच्छा समय नहीं रहता है.
लेकिन ये बात पूरी तरह सत्य नहीं है. वास्तविकता ये है कि शनि प्रकृति में संतुलन प्रदान करते हैं और न्यायप्रिय हैं. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं और पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्र शनि के नक्षत्र हैं. शनिदेव की प्रसन्नता के लिए लोग कई सारे उपाय करते हैं. जिसमें शनिवार का व्रत और रामदूत हनुमान की आराधना प्रमुख है. ऐसा माना जाता है कि हनुमानजी की आराधना करनेवाले लोगों पर शनि की कुदृष्टि नहीं पड़ती है. इसके अतिरिक्त शनिवार को सूर्योदय से पहले पीपल के वृक्ष में जल देना और परिक्रमा करना भी विशेष फलदायी माना जाता है. साथ ही शनिवार के दिन काली वस्तु का दान आदमी को अशुभ होने से बचाता है.
पंडित उमेश कुमार मिश्र