सत्ता के इशारे पर पुलिस और सरकारी वकील की शिथिलता का परिणाम है कि दोहरे हत्याकांड के एकमात्र गवाह की हत्या के मामले में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को हाइकोर्ट से जमानत मिल जाना. ये बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कही. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन की सरकार बनने के साथ ही तय हो गया था कि लालू प्रसाद की मदद से सत्ता पाने वाले नीतीश कुमार सीवान के आतंक को ज्यादा दिनों तक जेल में नहीं रख पायेंगे. सुमो ने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि शहाबुद्दीन से जेलर के कमरे में मिलने वाले अपने मंत्री के खिलाफ उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. अब तो बिहार के काले दिन जल्दी करीब आ गए हैं. उन्होंने कहा कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत सरकार ने शहाबुद्दीन का ट्रायल नहीं दिया, ताकि शहाबुद्दीन को बेल मिल जाये. मोदी ने कहा है कि राजीव रौशन हत्याकांड में जब कोर्ट ने पिछले तीन फरवरी 2016 को छह महीने के भीतर ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा है कि क्या शहाबुद्दीन पर भी सरकार क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) लगाने का निर्णय कब लेगी या नहीं लेगी.