सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अब बिहार के कर्मचारियों को भी भत्ता मिलेगा. बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को राज्यकर्मियों के लिए विभिन्न श्रेणी के भत्ते मूल वेतन के आधार पर बढ़ाने को मंजूरी दे दी. बता दें कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू हुए कई महीने बीत चुके हैं. राज्यकर्मियों को मकान किराया भत्ता समेत अन्य भत्तों में वृद्धि का इंतजार था. इसमें HRA, मेडिकल, शहरी परिवहन, वर्दी, ड्राइविंग, पत्रिका, शोध भत्ता मुख्य रूप से शामिल हैं. HRA यानि मकान किराया भत्ता X,Y,Z श्रेणी के शहरों के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर बढ़ाया गया है.
सरकार ने अब मकान किराए भत्ते को मूल वेतन का 4 से 24 % तक कर दिया है. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले राज्य कर्मियों को 4%, प्रखंड मुख्यालय और थाना कस्बे में 6%, जिला मुख्यालय में 8% और राजधानी पटना में रहने वाले कर्मियों को 16 % मकान किराया भत्ता मिलेगा. इसी तरह नई दिल्ली और उसके समकक्ष शहरों में तैनात रहने वाले राज्य कर्मियों को 24% किराया भत्ता मिलेगा. इसके अलावा मेडिकल अलाउएंस 200रू से बढ़ाकर 1000रू कर दिया गया है. जबकि शहरी परिवहन भत्ता 600 से लेकर 1500 रुपये, शोध भत्ता 2000 से 45 सौ तक, ड्राइविंग भत्ता 1000 से लेकर 1500 रुपये, साइकिल भत्ता 180 रुपये, वर्दी भत्ता (नर्सिंग स्टाफ के लिए)1800 रुपये, पत्रिका भत्ता 4000 से 4500 रुपये और प्रतिनियुक्ति भत्ता 2000 से लेकर 4000 रुपये तक हो गया है. परिवार नियोजन भत्ता को समाप्त कर दिया गया है. LTC का लाभ अब हर 4 साल पर मिलेगा.
इसके साथ ही बिहार कैबिनेट ने कुल 15 एजेंडों पर मुहर लगाई है. अब जमीन का दाखिल-खारिज ऑनलाइन हो सकेगा. इससे जमीन के म्यूटेशन का काम फटाफट हो सकेगा साथ ही एक ही जमीन की कई लोगों के नाम पर रजिस्ट्री की शिकायतों पर भी लगाम लग सकेगी.
सरकार ने दिव्यांगजनों की मदद के लिए राज्य सलाहकार बोर्ड का गठन किया है. साथ ही दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत सरकारी सेवाओं की नियुक्ति और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में दिव्यांगों के आरक्षण को 3% से बढ़ाकर 4 % कर दिया गया है.