ED पर उंगली उठाने वाले सेठ के पास की करोड़ो की सम्पत्ति हुई जब्त
कलतक BJP पर आरोप लगाने वाली JDU सेठ के शिकंजे पर चुप क्यों?
पटना,7 फरवरी. सत्तारूढ़ JDU के विधान परिषद् सदस्य राधा चरण साह उर्फ राधा चरण सेठ सितंबर में जब गिरफ्तार हुए थे तो पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह ED के जरिए जबरन परेशान कर रही है. लेकिन अजीब बिडंबना है कि JDU के लिए खास माने जाने वाले सेठ के परेशानी का आरोप उस समय झूठा साबित हो गया जब करोड़ो की सम्पत्ति ED के हाथों लग गयी.
अभी हालिया राजनीतिक फेरबदल हुए सरकार के पहले महागठबंधन सरकार के वक्त सितंबर में राधा चरण साह उर्फ सेठजी को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि सेठ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU) के कोटे से आरा-बक्सर निकाय क्षेत्र के विधान पार्षद के साथ पार्टी के प्रदेश महासचिव भी हैं.
अब, जबकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार है तो प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने ही अपना एक्शन बढ़ाते हुए उनसे जुड़ी लगभग 39 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर दिया है. इस जब्त सम्पत्ति में ED ने हालांकि सीधे तौर पर राधा चरण साह की 26 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की वही कथित तौर पर उनके दो कारोबारियों के नाम लगभग 13 करोड़ की संपत्ति अटैच की है.
JDU अब भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार में है और इस एक्शन पर चुप है. कल तक भाजपा पर परेशान करने का आरोप लगाने वाली JDU आज चुप है. लेकिन, सोचने वाली बात यह है कि सेठ को अगर सचमुच ED परेशान कर रही थी तो ये करोड़ो की सम्पत्ति कैसे अवैध हो गए? ऐसा नही है कि सेठ की सम्पत्ति पर कोई पहली बार रेड पड़ा था. सितंबर महीने के पहले भी दो बार उनके लगभग 17 ठिकानों पर रेड हुआ था. उस रेड के बाद कागजों की जाँच पर उस समय राधाचरण सेठ ने मीडिया के सामने दहाड़ते हुए अपनी सम्पत्ति को एक नम्बर का बताते हुए कहा था कि अगर मेरे इनकम टैक्स रिटर्न से अधिक एक रुपया भी सरकार को मिल जाये तो मुझे और मेरी सम्पति को जब्त कर ले. मेरे पास अपनी मेहनत की कमाई का इकट्ठा रुपया है. उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में आया कि सेठ जलेबी बेचते थे, तो जलेबी बेचना क्या पाप है. जलेबी की दुकान से मेहनत कर आज होटल और बालू कारोबार में उतरा.
आज के समय में वह दुकान, राइस मिल, कोल्ड स्टोर के अलावा कई रिसॉर्ट के मालिक हैं. आरा में रमना मैदान शहीद भवन स्थित होटल, बाइपास रोड स्थित रिजॉर्ट के अलावा उत्तराखंड,हिमाचल और दिल्ली में भी उनका होटल व्यवसाय है.
बताते चलें कि ED के हत्थे चढ़े JDU विधान पार्षद राधा चरण साह भोजपुर जिला के बड़हरा प्रखंड के रहने वाले हैं. 1971 में आरा रेलवे स्टेशन के बाहर उनके पिता की जलेबी की दुकान थी, जिसमें वे अपने पिता का हाथ बंटाते थे.
ऐसे हुए राजनीति में सक्रिय
राजनीति में दबंग या पैसे वाले या दोनों तरह के लोग अधिकांशतः कदम रखते हैं लेकिन इन सबसे अलग राधा चरण साह ने अलग रास्ता अपनाया. वे बेहद कम और धीमी आवाज में बोलने वाले अपने सामने वाले को अपने मेहमान नवाजी का कायल कर देते थे और इसमें उनकी मदद उनका होटल व्यवसाय खासा करता था. वे होटल के बाद
रीयल एस्टेट और बालू कारोबार में बाहुबलियों के बीच अपने इसी अंदाज की वजह से चहेते बने और इस क्षेत्र में भी उनका व्यवसाय चालू हो गया. अपनी विनम्रता की वजह से वे सभी बाहुबलियों के बीच एक पुलिया का काम करने लगे.
जानकारों की मानें तो फिर ऐसा विश्वास का एक तार बंधा कि बालू के कारोबार में भी वह तेजी से आगे बढ़े. सेठ ने दूर जाने की जगह भोजपुर के मशहूर सोन नदी के क्षेत्र को ही बालू के लिए चुना और इलाके में ही प्रभाव जमाना शुरू किया. जलेबी दुकान से होटल, फिर जमीन और इसी के साथ बालू सिंडिकेट में घुसते ही राधा चरण साह ने अपनी कद ऐसी बढ़ा ली कि शहर की बड़ी सम्पत्तियों को वे चुटकियों में खरीदते. उनका प्रभाव इस कदर क्षेत्र में बढ़ा कि सेठ राजनीति में उतर गए. सबसे पहले राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता प्रभुनाथ सिंह के नजदीकी हुए. प्रभुनाथ सिंह और उनके बेटे के चुनाव में की सक्रिय भूमिका थी. फिर राजद से मोहभंग कर समय की नजाकत को देखते हुए अपने पद से इस्तीफा देकर JDU का दामन पकड़ा. समय के साथ इस इस्तीफे का असर ऐसा हुआ कि दुबारा चुनाव में सेठ JDU कोटे से होने के बाद भी जीत गए. राजद में अपने प्रभुत्व वाले सेठ का अब राजनीति में नवीन उदय हुआ और JDU से जुड़ने के बाद वे यहां के आर्थिक प्रबंधक बन गए. लेकिन इस बीच फिर से राजद के साथ JDU का गठबंधन हुआ तो इस पलटीमार राजनीति के बाद दोनों के समागम में पुनः पुराने राजनीतिक साथियों का समागम हुआ लेकिन इसी बीच आर्थिक रूप से उभरते सेठ पर ED का शिकंजा पड़ा और सितंबर से उसके हत्थे चढ़े सेठ की सम्पत्ति आखिरकार ED के हाथ आ ही गई और अब सब रसूख और राजनीतिक पहुँच सेठ की टकटकी बन सलाखों के पीछे से देख रही है.
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