पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | बुधवार 27 फरवरी को होटल चाणक्या, पटना में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 67वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक हुई. बैठक को सम्बोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने केसीसी के तर्ज पर डेयरी, फिशरी और पॉल्ट्री प्रक्षेत्र को भी ससमय कर्ज वापस करने पर मात्र 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने का प्रावधान किया है. बिहार सरकार वित्त विभाग के अंतर्गत एक बैंकिंग निदेशालय का गठन कर रही है जो बिहार के बैंकिंग सेवाओं की आवश्यक देखरेख करेगा। सरकार तमाम योजनाओं की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभुकों के खाते में भेजती है, इसमें आने वाली कठिनाइयों एवं उसके समाधान हेतु वित्त विभाग के अंतर्गत एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना की गई है.
मोदी ने कहा कि अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड में 1 लाख रूपये तक के ऋण पर किसी भी प्रकार के गिरवी और बंधक की कोई आवश्यकता नहीं थी. अब भारत सरकार ने इसकी राशि 1 लाख से बढ़ाकर 1 लाख 60 हजार कर दिया है.
बैंको को निर्देश दिया कि राज्य के सुदूर टोलों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने हेतु रोड मैप तैयार करें. अब सरकार मूलभूत सुविधाएं मसलन बिजली, नल का पानी और पक्की नाली, गली तथा सड़क वहां पहुंचा दी है. अब गांव व टोले में रहने वालों के दरवाजे तक बैंक भी पहुंचना चाहिए. इसके लिए बैंक राज्य के सभी 1.8 लाख गांवों में चरणवार बिजनेस काॅरेसपोंडेंट नियुक्त करें. जीविका की दीदियों को भी बैंक मित्र बनाया जा सकता है.
1 लाख 30 हजार करोड़ की वार्षिक साख योजना के तहत तीसरी तिमाही तक 74618 करोड़ यानी 57 प्रतिशत वितरित किया जा चुका है जो पिछले वर्ष की तुलना में 1400 करोड़ रुपये ज्यादा है. वित्तीय वर्ष के अंत तक इसे बढ़ा कर कम से कम 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. वार्षिक साख योजना की उपलब्धि में पिछड़ने वाले जिलों, बैंक व ब्रांच को चिन्हित कर कारणों की पड़ताल की जा रही है.