तो क्या सीएम की भी नहीं सुनते के के पाठक!

पटना।। बिहार विधान मंडल में आज शिक्षकों के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को बोलने पर मजबूर कर दिया. विपक्ष ने के के पाठक के खिलाफ कार्रवाई करने और उनके तमाम आदेशों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, जिसके बाद आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना पड़ा.

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सरकारी स्कूलों का समय 10:00 बजे से 4:00 बजे तक ही होना चाहिए और आज ही के के पाठक को बुलाकर बात करेंगे.




आपको याद दिला दें कि सरकारी स्कूलों के संचालन समय में परिवर्तन 1 दिसंबर 2023 से किया गया जिसे लेकर शिक्षक संगठन और बिहार के विधायक और विधान पार्षद भी कई बार मुख्यमंत्री से मिलकर डिमांड कर चुके थे. मुख्यमंत्री ने तब भी ये आश्वासन दिया था कि स्कूलों का समय 10:00 बजे से 4:00 बजे तक होगा लेकिन अब तक मुख्यमंत्री का आदेश भी लागू नहीं हो सका. आज जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद सदन में इस बात को स्वीकार किया कि मैंने तो कहा था कि 9 से 5 का समय बिल्कुल सही नहीं, 10 से 4 होना चाहिए. इस बात से यह स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी नहीं सुनते.

आप भी सुनिए क्या बोले सीएम नीतीश कुमार

शिक्षक संगठन लंबे समय से इस बात की भी मांग कर रहे हैं कि वर्ष 2024 के लिए जारी स्कूलों की अवकाश तालिका में परिवर्तन किया जाए और इसे पूर्ववत किया जाए. बता दें कि जो नई अवकाश तालिका जारी हुई है उसके तहत गर्मी की छुट्टी का समय बदल दिया गया और गर्मी की छुट्टी सिर्फ बच्चों के लिए दी गई है. शिक्षकों को गर्मी की छुट्टी में भी अब स्कूल आना पड़ेगा. इसके अलावा कई रविवार को भी निर्धारित छुट्टियों में शामिल किया गया है जिसका विरोध लगातार हो रहा है. इस बाबत भी शिक्षक संगठन और कई विधायक और विधान पार्षद मुख्यमंत्री से अनुरोध कर चुके हैं लेकिन अब तक उसे पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब देखना है कि शिक्षक संगठनों की अन्य मांगों पर मुख्यमंत्री कब तक कार्रवाई करते हैं. इधर सक्षमता परीक्षा का विरोध भी नियोजित शिक्षक कर रहे हैं जिसे मुख्यमंत्री के बयान के उलट बीपीएससी सिलेबस के आधार पर लिया जा रहा है जबकि मुख्यमंत्री ने मामूली परीक्षा की बात कही थी. इन तमाम बातों को लेकर जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने भी कहा था कि के के पाठक के कई फैसले विवादित हैं और वह खुद विधान परिषद में इन फैसलों को लेकर सवाल उठाएंगे.

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By dnv md

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