सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने साफ कहा कि इसके लिए उनके पास समय नहीं है और इसके पहले काफी केस पहले से लंबित हैं.
बीेजपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले की रोज सुनवाई की मांग करते हुए ये अर्जी दाखिल की थी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सलाह दी थी कि सभी पक्षों को आपसी सहमति से मसले का हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि ऐसी स्थिति में मध्यस्थता के लिए किसी जज की नियुक्ति की जा सकती है.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने साल 2010 में राम जन्मभूमि विवाद में फैसला सुनाते हुए जमीन को तीनों पक्षकारों में बांटने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने जमीन को रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड में बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सभी पक्षकारों ने सुप्रीमकोर्ट में अपीलें दाखिल कर रखी हैं जो कि पिछले छह साल से लंबित हैं.