सावधान! कोईलवर पुल पर आप हो सकते हैं हादसे के शिकार…

By om prakash pandey Jul 1, 2019

पुल के एक तरफ डेढ़ फुट धूल तो दूसरे तरफ दो फुट गड्ढा,रोज़ गिरकर चोटिल हो रहे राहगीर

बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा प्रशासन




कोईलवर/भोजपुर. भोजपुर के आन व शान कहे जाने सड़क व रेल पुल अब्दुल बारी पुल का हाल खस्ता है.पुल से गुजरने वाले पैदल यात्री और बाइक सवार रोज़ गिरकर चोटिल हो रहे है.कई तो गम्भीर रूप से भी जख्मी हो रहे हैं.कारण है कि पुल के दोनों तरफ बने गड्ढे और उसमें जमा धूल जिसमें राहगीर गिर कर चोटिल हो रहे. साथ ही बड़ी गाड़ियां भी इन गड्ढों में फंस कर जाम का कारण बन रही हैं.हालांकि इस पुल से होकर जिले व सूबे के कई आम व खास आलाकमान हर रोज़ गुजरते हैं लेकिन इसके बारे में सोचना मुनासिब नही समझते.

दो-दो फुट के गड्ढे में जमा है धूल बालू

पुल के पूर्वी छोर के मुहाने पर बने गड्ढे में डेढ़ फुट तक बालू जमा है,वही दूसरी तरफ पुल के पश्चिमी छोर पर दो दो फुट की गहराई के गड्ढे बन गए हैं.पुल के परेव छोर पर पुल के मुहाने पर ही बने बड़े बड़े गड्ढे में धूल बालू भर गया है.बाइक सवार जैसे ही इन गड्ढों के भंवरजाल में फंसते हैं गिर कर चोटिल हो जाते हैं.बड़े वाहन बस ट्रक तो किसी प्रकार आ जा रहे है,लेकिन यही हाल छोटी गाड़ियों का भी है जो पुल में घुसने के प्रयास में इन्ही धूल वाले गड्ढों में फंसकर खराब हो जा रहे है.प्रशासन की निष्क्रियता का आलम यहां तक है कि पुल के छोटे लेन में पिछले वर्ष चले मरम्मती कार्य के दौरान बदले गए गार्टर के लिए खोदे गए गड्ढे को खुला छोड़ दिया गया है,नतीजतन हर गार्टर के बीच का गैप खाली हो गया है.जिसमें बड़े बड़े गड्ढे उभर आये हैं.बाइक व साइकिल सवार इन गड्ढों में गिरकर अक्सर चोटिल हो रहे हैं.फिर भी प्रशासनिक स्तर पर इन गड्ढों को भरने के लिए कोई उपाय नही किये जा रहे.रास्ते से गुजरने वाले यात्रियों का कहना है अक्सर गड़ियां इन गड्ढों में फंसकर खराब हो जाती हैं,जिस कारण बेवजह घण्टो जाम का सामना करना पड़ता है.प्रशासन किसी बड़ी घटना के इन्तज़ार में इसे भरवाने का बाट जोह रही है.जबकि ऐसा नही है कि किसी की नज़र इस पर नही गयी हो.राहगीर बताते हैं कि हर रोज़ सूबे व जिले के कई बड़े अधिकारी व जनप्रिनिधि इस पुल के माध्यम से इन्ही परेशानियों से होकर गुजरते हैं बावजूद इसके उन्होंने इस ओर अपनी नज़रे इनायत करना मुनासिब नही समझा.

कोईलवर से अमोद कुमार की रिपोर्ट

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