बिहार सरकार की वेब साइटें हुईं अस्थायी रूप से बंद तो बाहर कैसे जाएंगे परदेसी?
पटना, 4 मई. आगे कुंआ और पीछे खाईं, ये मुहाबरा तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन यह हालत कमोवेश उन सभी का है जो पिछले 40 दिनों से अपने घरों, दफ्तरों और राज्यों से दूर वैश्विक महामारी की वजह से फंसे पड़े हैं. लॉकडाउन 3 के बाद सरकार द्वारा जारी किये गए आदेशों के बाद फंसे लोग अपने घरो में जाने को तैयार हो रहे हैं. सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का दावा तो जरूर कर रही है और कई लिंको को चालू कर रखा है लेकिन मजेदार बात यह है कि घरों और दफ्तरों के लिए लौटने कि ख़ुशी लिए जब लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार द्वारा जारी साइटों को खोलते हैं तो ये साइटें भी चुनावी नेता की तरह वादे पर खरा नहीं उतरते है बल्कि धोखा दे, परदेसियों के उनके घर जाने के सपने को आधार में लटका दे रहे है. अगर यकीन हो तो खुद इन साइटों पे विजिट कर आप भी फैक्ट चेक कर सकते हैं.
कोरोना संक्रमण को लेकर अलग अलग राज्यों में फंसे प्रवासियों को वापस उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा जारी साइटों ने काम करना बंद कर दिया है. बिहार में फंसे लोग या बहार फंसे लोग जब बिहार सरकार द्वारा जारी https://covid19.bihar.gov.in/ पर विजिट कर रहे हैं तो वह अस्थायी रूप से बंद बता रहा है. साइट खुलता तो है पर ऊपर में ही अस्थायी से बंद का मैसेज राज्य सरकार के मनसे का पोल खोलता है.