ये हैं वे बहनें जो हर वर्ष सरहद पर भेजतीं हैं राखियाँ !

तीन दिवसीय कार्यशाला में तैयार 150 चयनित राखियों को भेजा जाएगा सीमा पर

संभावना आवासीय उवि में आयोजित तीन दिवसीय राखी कार्यशाला संपन्न




आरा,4 अगस्त. सरहद पर दुश्मनों से लोहा लेने डटे भारतीय सेना के जवान देश की रक्षा की वजह से रक्षाबंधन पर अपने घर आकर अपनी बहनों से अपनी कलाई पर राखी नही बंधवा पाते हैं. ऐसे भाइयों के लिए आरा की लड़कियाँ हर वर्ष उन्हें सरहद पर राखियाँ भेजती हैं. चकित होने की कोई जरूरत नही ये राखी भेजने वाली बहनें कोई और नही बल्कि संभावना हाई स्कूल की बच्चियां हैं. आइये जानते हैं कि कैसे जाती हैं सरहद पर ये रखियाँ. ये रखियाँ सुपर स्पेशल हैं क्योंकि इन्हें तैयार करती हैं देश के वीर भाइयों के लिए अपनी नन्ही कलाईयों का उपयोग कर खुद बनाती हैं उनकी नन्ही प्यारी ये बहनें.

शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा में स्थित है शहर का नामी ‘शांति स्मृति’ संभावना उच्च विद्यालय. यहाँ प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी राखी बनाओ कार्यशाला का आयोजन किया गया. तीन दिवसीय कार्यशाला में कला शिक्षक विष्णु शंकर और संजीव सिन्हा के निर्देशन में विद्यालय की छात्राओं ने लगभग 300 से अधिक हस्त निर्मित राखियों का निर्माण किया. बुधवार को विद्यालय के सभागार में छात्राओं द्वारा बनाई गई राखियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. विद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी वे अपने स्कूल की बच्चियों द्वारा बनई गई राखियों को देश के सीमा पर तैनात अपने वीर सैनिक भाइयों को भेजेंगी.

कार्यशाला में विभिन्न कक्षाओं की लगभग 200 छात्राओं ने भाग लिया और लगभग 300 राखियों को तैयार किया. विद्यालय प्रबंधन कार्यशाला में तैयार राखियों में से चुने हुए 150 राखियों को रक्षाबंधन से पहले सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए भेजेगा.

राखी बनाओ कार्यशाला के समापन के अवसर पर छात्रों तथा शिक्षकों को संबोधित करते हुए विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने कहा कि यह कार्यशाला सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए समर्पित था. इस तरह के कार्यकलापों से छात्र-छात्राओं में सीखने की ललक बढ़ती है, साथ ही राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत होती है‌. मंच संचालन विद्यालय के संगीत शिक्षक सरोज कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के उप प्राचार्य ऋषिकेश ओझा ने किया. विद्यालय द्वारा यह कार्य लगभग एक दशक से किया जा रहा है.

PNCB

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