पटना।। 15 दिसंबर से जारी बिहार सरस मेला का शुक्रवार को समापन हो गया. समापन कार्यक्रम में जीविका के सीईओ राहुल कुमार ने कहा कि योजनाओं का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाने की कवायद जीविका कर रही है. बिहार सरस मेला उसी की एक कड़ी है. उन्होंने कहा कि बिहार सरस मेला प्रतिवर्ष प्रगति की ओर अग्रसर है और उम्मीद है अगले वर्ष और बेहतर सरस मेला का आयोजन होगा. जीविका की कार्यक्रम समन्वयक महुआ रॉय चौधरी ने कहा कि प्रोत्साहन के लिए सभी अतिथियों एवं स्टॉल धारकों का सरस मेला में अभिन्दन है.
समापन समारोह के अवसर पर बेहतर खरीद-बिक्री एवं साज-सज्जा करने वाली स्टॉल धारकों , आगंतुकों को विभिन्न योजनाओं से रूबरू एवं लाभान्वित कराने वाले विभाग एवं बैंको के साथ ही जीविका एवं इवेंट प्रबंधन टीम को सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वालों में श्यामला विश्वनाथन –केरला, अफरोज बेगम- बिहार , चरणजीत कौर-पंजाब, दीदी की रसोई – भोजपुर, असिना खातून-बिहार, जानकी जीविका महिला सिलाई उत्पादक समूह- बिहार, मरियम अख्तर –असम, कृष्णा देवी एवं खैरुन निशा –लेह-लद्दाख रही.
महिला एवं बाल विकास निगम, स्वास्थ्य विभाग, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, पटना नगर निगम और इवेंट टीम पिरामिड फैबिकोंन को भी प्रसस्ति पत्र देकर राहुल कुमार ने सम्मानित किया. इस दौरान मंच पर राजेश कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, जीविका, नजिस बानो – राज्य परियिजना प्रबंधक, जीविका एवं सूर्यकांत, जीविका भी मौजूद रहे . अंत में मंचासीन अधिकारियों को जीविका दीदियों ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया. धन्यवाद ज्ञापन समीर कुमार , राज्य परियोजना प्रबंधक, गैर कृषि, जीविका ने किया. मंच संचालन सोनी सिंह ने किया.
जीविका की ओर से मिली जानकारी अनुसार 15 दिनों में 16 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है. जबकि अनुमानत: 11 लाख लोग आये. 15 दिसंबर से आयोजित बिहार सरस मेला में बिहार के सभी 38 जिलों से लगभग 191 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियाँ सूक्ष्म उद्यमी के तौर पर उपस्थित हुईं. अन्य 22 राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखण्ड, केरला, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, पंजाब, आसाम, महाराष्ट्र, ओडिशा,मध्य प्रदेश, जम्मू काश्मीर, कर्नाटक, पॉन्डिचेरी, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, एवं मणिपुर से स्वयं सहायता समूह से जुडी 66 महिला उद्यमी एवं 151 स्वरोजगारी अपने उत्पाद, व्यंजन एवं शिल्प को लेकर उपस्थित हुईं.
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