आज होगा सरस मेला का समापन- कलाकारों को मिला सम्मान और प्रोत्साहन

By dnv md Dec 29, 2023 #saras mela

पटना- वर्ष 2023 समाप्ति पर है और इसके साथ ही पिछले 15 दिनों से चल रहा बिहार का सबसे चर्चित और लोकप्रिय सरस मेला भी आजज्ञसमाप्त हो जाएगा. बिहार सरस मेला के माध्यम से बिहार की लोक संस्कृति ने भी नई अंगड़ाई ली है. सरस मेला परिसर में हस्तशिल्प को प्रोत्साहन के साथ ही बिहार के लोक गीत-लोक नृत्य एवं संस्कृति को भी उत्कृष्ट मंच मिला है. जहाँ से जट-जटीन, बिदेशिया, छउ, बारहमसिया और सोहर समेत कई लोक गीत एवं नृत्य को सम्मान एवं नया आयाम मिला है. इसके साथ ही युवा पीढ़ी भी अपनी सदियों पूरानी संस्कृति एवं परंपरा से परिचित हुई है. सरस मेला परिसर में हस्तशिल्प के साथ ही लोक गीत एवं संस्कृति के प्रति आगंतुकों का आकर्षण देखते ही बना. खरीददारी और व्यंजनों का लुत्फ़ उठाने के बाद आगंतुक बतौर दर्शक अपनी लोक संस्कृति एवं परंपरा से रूबरू हुए और गीत-संगीत से सराबोर हुए.

इस बार अब तक मेला में लगभग 13 करोड़ 77 लाख 19 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद – बिक्री हुई है. बिहार सरस मेला के आयोजन के 13 वें दिन 27 दिसंबर बुधवार को 1 करोड़ 29 लाख 47 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है.
गुरुवार की शाम सरस मेला के मुख्य सांस्कृतिक मंच पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया . इस कार्यक्रम में जीविका से जुड़े अधिकारीयों एवं कर्मियों एवं उनके परिजनों ने गीत-संगीत का कार्यक्रम पेश किया . सुरीले एवं सधे अंदाज में गीत-संगीत की महफ़िल सजी. कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक रूप से “इतनी शक्ति हमें देना दाता गीत से हुई” तत्पश्चात “ कवन दिशा में लेके चला रे बटोहिया और तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे “समेत कई आकर्षक गीतों की प्रस्तुति हुई. गायकों में विनोद कुमार, सौम्या, मनीष कुमार , अनिल कुमार, विनोद कुमार तिवारी, स्वास्तिका संस्कृति, समृद्धि संस्कृति, मिथिलेश कुमार, नाजिस बानो एवं मो. शाहिद रजा रहे . मंच संचालन नाज़िस बानो, राज्य परियोजना प्रबंधक, जीविका ने किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम की संयोजक आशा , परियोजना प्रबंधक, जीविका रही .




15 दिसंबर 20 23 से जारी बिहार सरस मेला का समापन 29 दिसंबर की शाम 5 बजे बिहार सरस मेला परिसर में होना है .

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