सरस मेला में इस बार जुटेंगे 22 राज्यों के उद्यमी

पटना।। बिहार का लोकप्रिय सरस मेला फिर शुरू हो रहा है. इस बार इसका आयोजन पटना के गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में हो रहा है. जीविका की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सरस मेला का शुभारंभ 18 सितंबर को शाम 6 बजे होगा. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार मेले का लोकार्पण करेंगे.

महिला सशक्तीकरण, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता से परिपूर्ण सरस मेला में देश भर की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला शिल्पकारों एवं उद्यमियों के स्वावलंबन की झलक प्रदर्शित की जाती है. सरस मेला का आयोजन ग्रामीण उद्यमिता, शिल्प एवं हुनर को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक पहल है.
वर्ष 2014 से बिहार सरस मेला का आयोजन जीविका, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार द्वारा किया जा रहा है.
सरस मेला हस्त शिल्प, लोक कलाकृति एवं संस्कृति का अनूठा संगम है, जहाँ हम अपने देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न लोक रंग एवं संस्कृति को एक ही कैनवास पर देखने को मिलता है. अपने उद्देश्यों को लेकर बिहार सरस मेला प्रति वर्ष पटना में आयोजित किया जाता रहा है.





वर्ष 2018 से बिहार सरस मेला का आयोजन साल में दो बार किया जाता है. प्रथम संस्करण का आयोजन लघु सरस के रूप में सितम्बर माह में होता है . इसमें बिहार समेत देश के कई राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमियों के उत्पादों की बिक्री होती है .

द्वितीय संस्करण का आयोजन गाँधी मैदान, पटना में होता है. यह आयोजन 15 दिनों का होता है जिसमें लगभग सभी राज्यों के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमियों एवं स्वरोजगारियों के उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री होती है. बिहार के सभी जिलों से जीविका से सम्बद्ध स्वयं सहायता समूह की महिला उद्यमियाँ, शिल्प, कलाकृति, पौष्टिक एवं स्वादिष्ट देशी व्यंजन लेकर उपस्थित होती है.

बिहार सरस मेला में देश की कई राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह एवं स्वरोजगारियों द्वारा उत्पादित हस्त शिल्प, देशी एवं पारंपरिक परिधानों तथा देशी व्यंजनों के प्रति लोगों का आकर्षण देखते ही बनता है. सरस मेला के सफलता के बढ़ते क्रम में व्यवसाय प्रबंधन और फैशन टेक्नॉलोजी की पढाई कर रहे छात्र-छात्राएँ भी यहाँ आकर महिला उद्यमियों से कुशल व्यवसाय प्रबंधन का ज्ञान प्राप्त कर अपने कैरियर निर्माण कर रहे है.

                                               इस वित्तीय वर्ष का सरस मेला (प्रथम संस्करण) 18 से 27 सितंबर 2024 तक ज्ञान भवन, पटना में आयोजित किया जा रहा है. स्वाद, संस्कृति, संवाद,शिल्प और हुनर के समागम के इस बहुरंगी मेला के खास आकर्षण इस प्रकार हैं :- 
  1. बिहार समेत 22 से अधिक राज्यों की सहभागिता,
  2. 130 से ज्यादा स्टॉल पर उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री,
  3. बिहार के सभी जिलों से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमियों के स्टॉल,
  4. महिला उद्योग संघ एवम महिला विकास निगम के लिए 5-5 स्टॉल तथा शहरी आजीविका मिशन के लिए 2 स्टॉल आवंटित हैं l
  5. कैशलेश ( डिजिटल ट्रानज़ैक्शन) खरीददारी के लिए ग्राहक सेवा केंद्र और स्टॉल पर भी कैशलेश खरीददारी की व्यवस्था,
  6. अपने हुनर को व्यवसाय में तब्दील करती और उसे बड़ा आकार देती हुई ग्रामीण महिलाओं के प्रेरक स्टॉल,
  7. सतत जीविकोपार्जन योजना समेत बिहार सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं की सफलता को प्रदर्शित करते हुए स्टॉल और लाभान्वितों की झलक,
  8. जीविका दीदियों द्वारा संचालित शिल्प ग्राम एवं मधुग्राम के उत्पादों की प्रदर्शनी सह बिक्री,
  9. जीविका दीदियों द्वारा संचालित जानकी सिलाई सह प्रशिक्षण केंद्र द्वारा उत्पादित परिधान का स्टॉल,
  10. कृत्रिम फूल, कालीन, बांस के फर्नीचर एवं उत्पाद समेत सजावट के विभिन्न प्रकार के उत्पाद,
  11. खादी के परिधान, गर्म कपड़े, सिल्क, कॉटन, कोशा आदि से बनी साड़ियाँ, सलवार, सूट, नाइटी, फुलकारी, चिकेन कारी जैसे परिधानों से सुसज्जित स्टॉल,
  12. आचार, पापड़, सत्तू, बेसन, मखाना, कतरनी चावल, चूड़ा और गुड़ जैसे देशी व्यंजनों के स्टॉल,
  13. दीदी की रसोई समेत बिहार समेत कई राज्यों के मशहूर मिठाईयाँ एवं व्यंजनों के स्टॉल, मेला की अवधि प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात्रि 8 बजे निर्धारित है l प्रवेश नि:शुल्क है.

आत्मनिर्भरता के विविध रंगों एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिला उद्यमियों के स्वावलंबन, सशक्तिकरण और उनके आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तन की झलक बिहार सरस मेला में फिर देखने को मिलेगी.

pncb

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