पटना।। 25 दिसंबर को सरस मेला परिसर खरीददारी के साथ ही पिकनिक स्पॉट बन गया. बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों के साथ आये और मेला का लुत्फ़ उठाया. 13 दिनों में खरीद-बिक्री का आंकड़ा साढ़े 16 करोड़ पार कर गया. 25 दिसंबर को ढाई लाख से अधिक लोग आये .बुधवार को आगंतुकों की बड़ी संख्या सरस मेला के अब तक के आयोजन की एक दिन की सबसे बड़ी संख्या रही .
12 दिसंबर से जारी सरस मेला का 26 दिसंबर को समापन होगा. लिहाजा लोग जमकर खरीदददारी कर रहे हैं . गृहिणी से लेकर , नौकरी-पेशा करने वाले, लोग , छात्र-छात्राएं , राजनीती से जुड़े लोग , बड़े और छोटे अधिकारी के साथ ही राज्य स्तर पर बड़े पदों को सुशोभित करने वाले शक्सियत भी मेला में आये और खरीददारी की . बिहार सरस मेला का अवलोकन चार-चार पीढ़ियों ने किया और सदियों पुरानी संस्कृति, शिल्प, परम्परा और देशी व्यंजनों को देख हर्षित हुए.
मेला हस्तशिल्प को प्रोत्साहन एवं बाज़ार उपलब्ध कराने के साथ ही लोक गीत-नृत्य को प्रोत्साहन, चित्रकला एवं निबंध लेखन को प्रोत्साहन , नाट्य कला को प्रोत्साहन, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु जन जागरूकता अभियान , वित्तीय साक्षरता और डिजिटल फ्रॉड से बचने हेतु जन जागरूकता अभियान एवं बैंक, संस्थान एवं विभिन्न विभागों द्वारा चलाये गए लोक कल्याणकारी योजनाओं से आगंतुकों को लाभान्वित किया जा रहा है .
सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित हुई जीविका दीदी की पौधशाला के स्टॉल पर आयुर्वेदिक पौधों की बड़े पैमाने पर बिक्री हो रही है . सरस मेला में लगे जीविका दीदी के पौधशाला के माध्यम से 13 दिनों में लगभग 40 हजार रुपये के पौधे की बिक्री हुई हैं . इन्सुलिन, एलोवेरा, इलायची , तेजपत्ता, लाल चन्दन, इस्तिविया ,अर्केरिया, पपीता, बेल, अजवाइन , लेमन ग्रास, बसमतिया, कड़ी पत्ता, श्याम पत्ता, राम तुलसी, पत्थर चूर्ण, सतावर आदि आयुर्वेदिक पौधे खूब बिक रहे हैं. बारह मासी आम, पाम, बांस की कई प्रजातियाँ,अंगूर, अमरुद, दालचीनी, इलायची, नींबू,मौसमी, कढ़ी पत्ता और खाद की भी बिक्री हो रही है .
विभिन्न विभागों , संस्थानों तथा गैर सरकारी बैंको के स्टॉल से सरकारी योजनाओं से आगंतुकों को रूबरू कराया जा रहा है. पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, एक्सिस बैंक , दक्षिण एवं उत्तर ग्रामीण बैंक , सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, स्टेट बैंक आफ इंडिया, रिजर्व बैंक औफ़ इंडिया, पशुएवं मतस्य विभाग, पर्यटन विभाग, इंडेन गैस कई स्टॉल पर बिहार सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनायें भी फलीभूत होती हुई दिख रही है. भूमि एवं राजस्व विभाग ने 1 हजार से अधिक लोगों को जमींन का नक्शा उपलब्ध कराया है .
जीविका के स्टॉल पर हुनरमंद एवं उद्यमी महिलाओं की गाथा तथा स्वच्छ गाँव-समृद्ध गाँव की परिकल्पना को प्रदर्शित किया गया है .
मुख्य सांस्कृतिक मंच पर 25 दिसंबर की शाम गीत-संगीत की विशेष महफ़िल जीविका ने सजाई . जीविका कर्मियों और उनके बच्चों ने सुरमई संध्या कार्यक्रम के तहत गीत, गजल और पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति की. नाजिस बनो, सौम्या, सौम्या, अनिल, मिथिलेश , विमल, समृद्धि , स्वस्तिक, सृष्टि, जीशान अपने प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झुमाया. मो. शहीद ने “मैं हर फिक्र को धुएं में उडाता चला गया और शायद मेरी शादी का ख्याल” गाना नाजिस बानो के साथ गाकर समां बाँधा. जीविका के बैनर तले माँ-पिता और बेटा-बेटियों ने एक मंच पर अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से सबको मोहा . 22 भाषा में अपने गायन से अपने प्रतिभा की लोहा मनवाती जय श्री ने दमा-दम मस्त कैलेंडर और आयेगा आने वाला की गीत की प्रस्तुति कर दर्शकों को झुमाया . इससे पूर्व पर्यटन विभाग के तत्वाधान में लोक गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति की गई. मंच संचालन नाज़िश बानो, राज्य परियोजना प्रबंधक,जीविका एवं गुलाम सिमनानी ने किया. मुख्य सांस्कृतिक मंच से बाल-कलाकारों को प्रोत्साहित भी किया गया.
pncb