सरकारी स्कूल में शुरू हुआ स्मार्ट क्लासेज

By om prakash pandey Sep 6, 2019


उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय इसाढ़ी में किया गया स्मार्ट क्लासेज का उद्घाटन

पहली बार स्मार्ट क्लास में बैठ बच्चे हुए अभिभूत




आरा,6 सितंबर. अगर आप अपने बच्चों को स्मार्ट क्लासेज कराना चाहते हैं और आपके पास वैसे स्कूलों में भेजने के लिए पैसे नही हैं तो घबराइये मत अब आपके सपने पूरे हो जाएंगे. आपको प्राइवेट स्कूलों के हेवी फीस की चिंता करने की जरूरत नही है क्योंकि अब सरकारी स्कूलों को भी स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हो गयी है और बच्चों के क्लासेज को स्मार्ट करने की मुहिम शुरू हो गयी है जो न सिर्फ बच्चों को पढ़ने के लिए जागरूक करेगी बल्कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के प्रति जागरण भी करेगी. इसकी शुरुआत भोजपुर जिले में बुधवार को की गई.

उन्नयन बिहार योजना के अंतर्गत बुधवार को जगदीशपुर प्रखंड स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय इसाढ़ी में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया गया. इस दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार सिंह व पूर्व जिला पार्षद रीता देवी ने फिता काटकर स्मार्ट क्लास का विधिवत उदघाटन किया. बच्चियों के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया.

मौके पर मध्य एवं माध्यमिक विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिका मौजूद थे. इस दौरान मंच संचालन कर रही शिक्षिका पूजा ने कहा की सरकार के द्वारा उच्च शिक्षा में बदलाव छात्र छात्राओं के भविष्य के लिए बेहतर कदम साबित होगा. छात्र छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरा विद्यालय प्रशासन भी प्रतिबद्ध है. ग्रामीण इलाकों के विद्यालयों में सरकार के द्वारा स्मार्ट क्लास खोलने की पहल एक सराहनीय कदम है. इसके माध्यम से छात्र छात्राओं को पठन पाठन कराने में सुविधा तो मिलेगी हीं साथ ही साथ उनके बोर्ड परीक्षा में आने वाले पचास फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के हल करने में भी काफी मददगार साबित होगा. क्योंकि डिज़िटल विधि से एलसीडी स्क्रीन पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करने के सुझाव बताए गए हैं. वहीं विद्यालय के विज्ञान के शिक्षक ने उपस्थित छात्र छात्राओं को एलसीडी टीवी के माध्यम से रसायन विज्ञान के समीकरणों को संतुलित करने की विधि बताई.

बांका जिले में सफलता के बाद पुरे राज्य में शुरु करने की है योजना

बता दें कि सबसे पहले बांका जिले में स्मार्ट क्लास शुरू किया गया था. जिससे विद्यालयों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति बढ़ी थी. पठन पाठन भी सुदृढ़ हुआ था. उन्नयन बांका की सफलता से राज्य सरकार ने पहले चरण में राज्य के 3106 उच्च विद्यालयों में इस योजना को लागू करने का फैसला किया. जिसके लिए प्रत्येक विद्यालय को नब्बे हजार रूपये भेजे गए हैं. बच्चों को पठन-पाठन कराने के लिए प्रत्येक विद्यालय के दो शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी गई है.

आरा से अपूर्वा की रिपोर्ट

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