आरा,16 जून. भोजपुरी चित्रकला को स्थापित कराने एवं सम्मान दिलाने के लिए भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा आज 16वां दिन संगीतमय रहा. रंगमंचीय कलाकारों ने देवी गीत,जनगीत और सोहर गाकर न सिर्फ पेंटिंग कर रहे कलाकारों का उत्साहवर्धन किया बल्कि रेलवे प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों का भी दिल जीत लिया. अपने गंतव्य तक जाने के लिए झमाझम बारिश में ट्रेन का इंतजार कर रहे लोगों को गीत-संगीत ने उनके बोरियत इंतजार को आनन्द दायक बना दिया. रेलवे स्टेशन के पूछताछ कार्यालय के समक्ष चित्रकारों ने बुधवार को कलश पर भोजपुरी पेंटिंग की. हर रोज सहज तरीके से आन्दोलन के जरिये कलाकारों यह प्रयास है कि भोजपुरी पेंटिंग के लिए अधिकारियों का ध्यान आकर्षित हो.
आरा रंगमंच के कलाकारों संजय शाश्वत, रतन देवा,मनोज कुमार सिंह,श्याम शर्मिला,किशन कुमार किशु,कुमार चैतन्य,अभिषेक हथौड़ी आदि द्वारा भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा के संघर्ष को अपने क्रांति एवं पारंपरिक लोकगीतों से साथ दिया. वरिष्ठ चित्रकार कमलेश कुंदन,रौशन राय एवं विजय मेहता के निर्देशन में कौशलेश कुमार, रूपा कुमारी,रुख्सार परवीन,गुड़िया कुमारी,निक्की कुमारी,शालिनी कुमारी, प्रशंसा पटेल ,अमन राज आदि ने कलश पर नयनाभिराम भोजपुरी चित्रकला का चित्रांकन कर रेलयात्रियों एवं आम लोगों को विस्मय में डाल दिया. जनता से संवाद करते हुए वक्ता अशोक मानव ,रवींद्र भारती, कृष्णेन्दु,भास्कर मिश्र ने कहा कि भोजपुरी संस्कृति अत्यंत समृद्ध है. हम सब भोजपुरिया लोगों का यह नैतिक दायित्व बनता है कि हम इसके विकास और संरक्षण के लिए प्रयास करें.
स्थानीय चित्रकारों, कलाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए शहर के युवा चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ विजय गुप्ता ने मोर्चा के आंदोलनस्थल पर स्वयं आकर मोर्चा को अपना समर्थन देते हुए आर्थिक सहायता भी प्रदान किया. उपरोक्त कार्यक्रमों को सफल बनाने में ओ पी पांडेय, डॉ पंकज भट्ट,मनोज कुमार श्रीवास्तव,संजय कुमार सिंह,कमल कांत,अमित मिश्रा, कुमार निर्मल,यमुना प्रसाद, सुरेश कुमार राय,संजय पाल,अभिनव कुमार, पल्लवी प्रियदर्शनी,संजय सिंह,अनिल राज आदि ने उल्लेखनीय योगदान दिया.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट