हिंदू पर्वों का सरकारी अपमान नहीं सहेगा सनातन – सम्राट चौधरी




हिंदू पर्वों में कटौती बर्दाश्त नहीं

चौबीस घंटे में वापस नहीं लिया फरमान तो होगा नीतीश के खिलाफ आंदोलन

तुष्टिकरण से बिहार नहीं चला सकते नीतीश

नीतीश सरकार के निर्णय से प्रशांत किशोर आग बबूला

पटना नाउ ब्यूरो

नीतीश सरकार ने साल 2024 के लिए जो एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है उस पर बवाल मच गया है. छुट्टियों के लिए हिंदुओं के कई पर्वों पर नीतीश सरकार ने कैंची चला दी है. हिंदुओं में इसको लेकर रंज है. बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. दरभंगा में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक पद्धति को नष्ट होने से बचाना है तो नीतीश के इस अदूरदर्शी निर्णय का पूरी ताकत से विरोध करना होगा. शिक्षक जो हिंदू है उनके पर्व त्योहार में कटौती और एक वर्ग के छुट्टी में बढ़ोतरी से आखिर सरकार क्या साबित करना चाह रही है. यह 83 फीसदी जन की भावना के साथ छल है.

सम्राट चौधरी ने आगाह किया कि हिंदू पर्वों का सरकारी अपमान नहीं सहेगा सनातन. उन्होंने कहा कि हिंदू पर्वों में कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रदेश अध्यक्ष ने चेताया कि राज्य सरकार ने चौबीस घंटे में वापस नहीं लिया फरमान तो होगा नीतीश के खिलाफ आंदोलन. हर जिले में होगा नीतीश का पुतला दहन. तुष्टिकरण से बिहार नहीं चला सकते नीतीश.

उधर नीतीश सरकार के निर्णय से जन सुराज अभियान के प्रशांत किशोर आग बबूला हैं. वे इस बात से खफा हैं कि एकेडमिक कलेंडर लिस्ट में रामनवमी, शिवरात्रि सहित दूसरे त्योहारों की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है. जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने छुट्टी विवाद पर मधुबनी में प्रेस वार्ता कर बड़ा बयान दिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग भी सत्ता में बैठे हैं उनकी ये जिम्मेदारी है, उनसे ये अपेक्षा है कि सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परंपराओं को ध्यान में रखकर इस तरह के निर्णय लिए जाए. अगर उसको ध्यान में रखकर आप निर्णय नहीं लेंगे तो उसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ेगा, समाज उसका जवाब देगा. हर पांच वर्ष में जनता के पास इसीलिए तो वोट का अधिकार है. इस तरह की गलती अगर सरकार करती है तो वोट के ज़रिए लोग सजा दें.

अगर बैलेंस गड़बड़ाएंगे, तो होगी दिक्कत. समाज की मर्यादाओं को ध्यान में रखकर इस विषय पर करें काम. चाहे हिंदू धर्म की बात हो या मुस्लिम धर्म की, समाज की परंपराएं हैं, मर्यादाएं हैं उसको ध्यान में रखकर ही इस विषय पर काम करना चाहिए.

By pnc

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