सदर अस्पताल में इलाज के लिए फर्श पर तड़पती रही महिला

By Amit Verma May 1, 2017

सदर अस्पताल के कर्मियों की लापरवाही कहें या फिर लाचारी. कारण चाहे जो भी हो. स्वास्थ्य कर्मियों की अनदेखी के कारण शनिवार की देर रात सदर अस्पताल में एक बार फिर मानवता तार-तार हो गयी. तभी तो बक्सर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के चंद कदम की दूरी पर अस्पताल परिसर में एक लावारिस महिला तड़प रही थी, लेकिन किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित उस महिला को देखने वाला कोई नहीं था.




ओपीडी एवं दवाखाना की ओर जाने वाले हर लोग नजर बचाकर निकल रहे थे. लोग ऐसे चल रहे थे कि जमीन पर कोई नहीं है. जबकि महिला हर आने-जाने वाले की ओर मदद की नजर से देख रही थी. यह दशा अस्पताल प्रशासन से लेकर सरकार के दावे की पोल खोलने के लिये काफी थी. इस महिला को इलाज की जरूरत थी लेकिन इसे घुट घुट कर मरने के लिए अस्पताल प्रशासन ने छोड़ दिया था. महिला माइनर ओटी के पास मुख्य बरामदे में फर्श पर पड़ी अपने इलाज की गुहार लगा रही थी. लेकिन, इलाज से जिम्मेवार धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर को इसकी परवाह नहीं थी.

 

लोगों ने बनाया वीडियो तो मचा हड़कंप

दर्द से तड़प रही महिला का इलाज नहीं किया जा रहा था. वह थोड़े देर के लिए होश में आती और अपने इलाज के लिए गुहार लगाती. लेकिन, डॉक्टर से लेकर अस्पताल कर्मी तक उसकी बातों को अनसुना कर देते. इस बात से गुस्साए एक युवक ने महिला का फर्श पर लेटे तड़पते हुए वीडियो बना लिया. इतना देखते ही ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के होश उड़ गए. आनन-फानन में डॉक्टर ने महिला को उठाकर बेड पर ले गए. तब जाकर इलाज शुरू किया गया.

दवा के लिए लोगों ने दिए पैसे

सदर अस्पताल में आये अभिनव कुमार व बुची लाल यादव ने बताया कि यहां कोई व्यवस्था ही नहीं है. आने के साथ कहा जाता है रेफर करवा लीजिये. मिली जानकारी के अनुसार उक्त महिला को डॉक्टर ने वार्ड में भरती तो कर लिया. लेकिन, उसके लिए जो दवाएं लिखीं वो अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी. लिहाजा एक सज्जन ने अपनी जेब से कुछ रुपये दिए. तब जाकर महिला का इलाज शुरू हुआ. होश में आने के बाद महिला ने बताया कि उसके बेटे उसकी मदद नहीं करते. उसका इलाज नहीं कराते हैं.

 

कहते हैं सिविल सर्जन

पूरे मामले में सिविल सर्जन डॉ ब्रजकुमार सिंह ने बताया कि रात में डॉ अमलेश ड्यूटी पर थे. उनसे बात करने पर पता चला कि फूड पॉइजनिंग के 6 मरीज आ गए थे. इसलिए महिला के इलाज में थोड़ी लापरवाही बरती गई. सख्त निर्देश दे दिया गया है. हिदायत दी गयी है कि आइन्दा से इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए.

 

बक्सर से ऋतुराज

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