रुक्मणी बिल्डटेक के सभी निदेशक गायब,
मोबाइल नंबर भी बंद
फुलवारी शरीफ ।। नागेश्वर सिंह स्वराज बनाम रुक्मणी बिल्डटेक के मामले मे जहां एक ओर बिल्डर रुक्मणी बिल्डटेक को यह निर्देश दिया गया कि जमीन मालिक नागेश्वर सिंह स्वराज को 90 दिनो के अंदर लगभग 22 करोड़ रुपए का भुगतान करे वहीं बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद रुक्मिणी बिल्डटेक के सभी निदेशक अपना अपना मोबाइल बंद करके गायब हो गए हैं. इस फैसले के खबर से बिहार के बिल्डर से फ्लैट खरीददारो मे हडकंप मच गया है.
वही उसी फैसले मे पूर्व न्यायाधीश सिन्हा ने फ्लैट खरीददार ए श्रीनिवास व शशिबाला का उदाहरण देते हुए यह भी स्पष्ट कहा है कि बगैर जमीन मालिक के हस्ताक्षर के रुक्मणी बिल्डटेक के द्वारा किसी भी खरीददार को फ्लैट बेचना गैरकानूनी है. बताया जाता है कि रुक्मणी बिल्डटेक के ठगी से पीड़ित यही दो खरीदार नही हैं बल्कि प्रवीण ठाकुर, किशोर कुमार, विकास राज, उदित कुमार, धीरेन्द्र कुमार, धर्मेन्द्र, अशोक पोद्दार, संजु कुमारी, पुष्पा पांडे, आयुस कुमार, डा विरेन्द्र कुमार सिंहा, रेखा कुमारी, मनोज कुमार, मृगनयनी, पवन कुमार, मनीष चन्द्रा के अलावे लगभग 200 से अधिक खरीददारगण हैं.
पीड़ित खरीदार के अधिवक्ता सत्यप्रकाश नारायण ने यह भी कहा कि 15 दिनो के अंदर कानूनी प्रकिया के तहत नियमानुसार सब सही नहीं किया गया तो हम अपने दोनो पीड़ित फ्लैट खरीदार के हक की लड़ाई को न्यायालय में आगे ले जायेंगे.
दरअसल, संपतचक प्रखंड के एकतापुरम (भोगीपुर) मे निर्माणाधीन अपार्टमेन्ट परिसर ( रुक्मणी बिल्डटेक द्वारा निर्माणाधीन ) के दो खरीददार अभिषेक कुमार सिंह फ्लैट संख्या C- 409 एवं विनय कुमार फ्लैट संख्या E-206 ने अपने कानूनी सलाहकार व अधिवक्ता सत्यप्रकाश नारायण के द्वारा रुक्मणी बिल्डटेक के प्रबंध निदेशक अजीत आजाद, समेत सभी निदेशकगण अमित कुमार चौबे, मानब कुमार सिंह एवं राजीव कुमार ठाकुर को कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस मे अधिवक्ता सत्यप्रकाश नारायण ने रुक्मणी बिल्डटेक के प्रबंध निदेशक समेत सभी निदेशकों को कहा है कि रुक्मणी बिल्डटेक अविलंब फ्लैट के दोनो पीड़ित खरीददारो के समस्याओ का नियमानुसार निदान करे. बताया जाता है की ये दोनो निम्न मध्यम वर्गीय आय वाले परिवार से हैं। जैसे -तैसे बचत व कर्ज-उधार लेकर रुक्मणी बिल्डटेक को पूरा पैसा भुगतान कर फ्लैट रजिस्टर्ड करवाया है.
जानकारी के मुताबिक अब उन्हे यह पता चला कि बिल्डर के ठगी व फरेब के कारण वे पूरा भुगतान के बाद भी फ्लैट के मालिक ही नही हैं क्योंकि बिल्डर ने पुरे कानूनी प्रकिया का पालन ही नही किया है। फ्लैट के रजिस्टर्ड पेपर पर जमीन मालिक का हस्ताक्षर लेना रुक्मणी बिल्डटेक का दायित्व था.
अजीत