शराब की महफ़िल का अड्डा बना पुलिस लाइन
शिकायत करने वाले को ही भेज दिया सुदूर देहात
Patna now Exclusive
DGP को शिकायत करने के 1 माह बाद भी नही हुई कार्रवाई
बक्सर, 5 अप्रैल. सुशासन बाबू के राज्य में पूर्ण शराबबंदी हैं यानि स्वच्छ राज्य और शराबबन्दी पर नकेल कसती है बिहार की नामी पुलिस. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराबबन्दी पर नकेल कसने वाली पुलिस ही बिहार में शराब गटक जाती है! जी हां चौंकिये मत! अभीतक होम डिलिवरी करने के आरोप से घिरे भोजपुर पुलिस का नया चेहरा सामने आया है.
शराबबन्दी के बावजूद बक्सर की पुलिस लाइन में शराब की महफिल सजती है. यदि यह बात कोई पत्रकार लिख देता तो उसे झूठी खबर करार दे दिया जाता लेकिन भला हो सोशल मीडिया का जहां बिहार पुलिस का यह चेहरा एक वीडियो वायरल होने के बाद बाहर आया है. यहां पुलिस वालों के लिए शराबबंदी के कोई मायने नहीं हैं. तभी तो लाइन में पदस्थापित जिला जमादार व लाइन बाबू के शराब पीने का वीडियो वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि जमादार रामदास साह शराब पी रहा है. साथ ही चिकन भी खा रहा है. यह वीडियो पुलिस लाइन के ही एक सिपाही का बनाया हुआ है. इसके बाद हवलदार मदन पाल ने जिले के एसपी, डीआईजी व आईजी के पास कार्रवाई के लिए आवेदन किया. साथ ही वीडियो भी भेजा. लेकिन, कार्रवाई के बजाय अधिकारियों ने इसे टाल दिया. लिहाजा उक्त जमादार का मन बढ़ता गया. जिसके बाद पुलिस लाइन में आये दिन शराब व कबाब की महफिलें सज रही हैं.
चूहे बन पुलिस वाले ही गटक रहे हैं शराब
गौरतलब हो कि शराबबंदी के बाद राज्य में लाखों लीटर शराब जब्त की गई थी. जिसके बाद खबर आयी थी कि जब्त की गई शराब की खेप मालखाने में रखे-रखे चूहे गटक गए. करीब 9 लाख लीटर शराब मालखाने से चूहों द्वारा गटके जाने का मामला सामने आया था. अब इस वीडियो के सामने आने के बाद इतना तो तय हो गया है कि 9 लाख लीटर शराब पुलिस रुपी इन्ही चूहों ने गटक लिया है. मामला पानी की तरह साफ हो गया है.
इस सम्बंध में पुलिस मेंस असोसिएशन के सचिव विजय कुमार ने भी पुलिस लाइन में शराब के बढ़ते इस प्रचलन से माहौल खराब होने की बात कही है. उन्होंने सार्जेन्ट मेजर को इस सम्बंध में लिखित शिकायत भी की है लेकिन कार्रवाई की बजाय उन्हें ही धमकी मिलती है.
इस मामले में बक्सर SP का कहना है कि उन्हें कोई वीडियो नही मिला है लेकिन फ़ोटो जरूर मिला है जिसके आधार पर जांच की जा रही है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू के बावजूद ऐसे लोग यदि पकड़े जाएंगे तो उचित कार्रवाई की जाएगी.
मनपसंद जगह ड्यूटी के लिए पैसे के साथ शराब की बोतलें होती हैं तोहफा
इस मामले में सबसे मजेदार बात यह है कि शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई तो नही हुई लेकिन शिकायतकर्ता को सुदूर देहात में विभाग ने जरूर भेज दिया. जबकि वह गैस के गोले दागने का जानकार है. इस हिसाब से उसे जिला मुख्यालय होना चाहिए. शिकायतकर्ता मदन पाल ने दुखी मन से एक माह पूर्व DGP को इस सम्बंध में लिखा है जिसमे उसने मनचाही जगह के लिए पैसे सहित शराब की बोतल देने और अवैध ढंग से जमादार को घर छोड़ने सहित कई आरोप लगाया है.
एक माह बीतने के बाद भी कार्रवाई का न होना सिस्टम का ऊपर लेवल तक साँठ-गांठ की पोल खोलता है. अगर नही तो फिर मदन पाल की शिकायत पर न सिर्फ विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए बल्कि उसे इस बहादुरी के लिए सम्मानित भी करना चाहिए ताकि सरकार की योजनाओं को लागू करने में ईमानदार लोगों की भागीदारी बढ़े.
बक्सर से ऋतुराज की रिपोर्ट