केन्द्रीय जांच एजेंसियों की लगातार छापेमारी से परेशान राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार 10 जुलाई को राजद विधायक दल की बैठक बुलायी है. मौजूदा हालात में पार्टी की इस बैठक पर सबकी नजर है. माना जा रहा है कि लालू, राबड़ी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर सीबीआई ने जो केस दर्ज किया है इसके बाद पार्टी नेताओं की राय जानने और उन्हें मौजूदा हालात में पार्टी लाइन तय करने के लिए इस बैठक में चर्चा होगी. साथ ही तेजस्वी यादव पर इस्तीफे का जो दबाव बना है उसके मद्देनजर भी लालू विधायकों से उनका मौखिक समर्थन हासिल करना चाह रहे हैं.
मौजूदा हालात में पार्टी को एकजुट रखना, 27 अगस्त की रैली की तैयारी और राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग को लेकर भी इस बैठक में चर्चा होने के आसार हैं.
बता दें कि बेनामी संपत्ति को लेकर सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से हटाने का दबाव बढ़ गया है. बीजेपी लगातार नीतीश कुमार को अपनी छवि के मुताबिक काम करने और दागी मंत्री को अपनी कैबिनेट से हटाने की मांग कर रही है. लालू के घर छापे के बाद ना तो जदयू और ना ही नीतीश कुमार ने अपनी कोई प्रतिक्रिया दी है. नीतीश की चुप्पी से भी राजद दबाव में है.
हालांकि बैठक से पहले राजद नेता भाई वीरेन्द्र ने साफ कर दिया कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे. लेकिन नीतीश कुमार अगर अपनी इमेज के मुताबिक दागी मंत्री को हटाने की मांग करते हैं तो संभावना है कि अब्दुल बारी सिद्दीकी को डिप्टी सीएम का प्रभार मिल जाए.
इस मामले में दोनो पार्टियों में अंदरुनी तकरार की खबर से भी इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि कांग्रेस जहां इस दौरान लालू के साथ खड़ी नजर आई वहीं नीतीश और जदयू ने पूरी तरह से लालू से दूरी बनाए रखी. इससे एक संभावना ये भी बन रही है कि जब नीतीश ने करप्शन के केस में लालू से कोई लेना-देना नहीं रखा तो फिर अपनी सुशासन की छवि से कैसे समझौता करेंगे.
चाहे जो भी हो, आने वाले कुछ दिन बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के सूचक होने जा रहे हैं. या तो नीतीश अपनी सुशासन की छवि से समझौता करें या फिर राजद से आमने-सामने हों. इंतजार करिए और देखिए राजनीति के नए रंग.