तमाम कोशिशों के बावजूद पटना से नहीं निकल पाए तेजस्वी
विपक्ष के पास एक बड़ा मुद्दा मिला है गोपालगंज गोलीकांड के रूप में. एक तो अपराध का मामला दूसरा गोपालगंज में एक खास जाति से जुड़ा. पूरी तैयारी कर रखी थी तेजस्वी यादव ने अपने विधायकों के साथ गोपालगंज कूच करने की. पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव सरकार से जदयू विधायक पप्पू पांडे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. उन्होंने सरकार को गुरुवार शाम तक का अल्टीमेटम दिया था.
जब अल्टीमेटम पूरा हुआ और आरोपी जदयू विधायक की गिरफ्तारी नहीं हुई तो तेजस्वी ने अपने सभी विधायकों को पटना बुला लिया और यहां से उनके साथ गोपालगंज जाने की तैयारी में थे. लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने नेता प्रतिपक्ष के अनुरोध को ठुकरा दिया. राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर सुबह से ही विधायकों का जमावड़ा लगा था और उसके बाद तेजस्वी यादव तेज प्रताप यादव और राबड़ी देवी अपनी अपनी गाड़ी में बैठ कर घर से बाहर निकल गए. लेकिन पुलिस और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया.
स्पीकर से मिलकर की विशेष सत्र बुलाने की मांग
दिनभर हाई वोल्टेज ड्रामा चला. मीडिया के सामने राजद के नेता,विधायक, तेजस्वी, तेजप्रताप सभी चीखते चिल्लाते रहे. लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. आखिरकार तेजस्वी ने स्पीकर से मिलने की डिमांड कर दी. स्पीकर से मिलने के लिए सिर्फ 3 लोगों को इजाजत मिली जिसके बाद तेजस्वी यादव तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से मिले हालांकि वहां भी उन्हें गोपालगंज जाने की अनुमति नहीं मिली. विधानसभा अध्यक्ष से नेता प्रतिपक्ष ने 1 जून के बाद जल्द से जल्द 3 दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, जिसमें बिहार में बढ़ते अपराध और कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी बिहारियों के साथ हुए व्यवहार पर चर्चा की मांग की गई है.