‘रिक्तियां चुराने वाले किस हैसियत से तेजस्वी जी से सवाल कर रहे हैं’
पटना।। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही बेरोजगारी के मुद्दे पर राजद और भाजपा के बीच जुबानी संग्राम छिड़ा है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि करोड़ों रिक्तियां चुराने वाले आज किस हैसियत से उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सवाल कर रहे हैं. मिशन बिहार नाकामयाब हो जाने से भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है. इनके एकदलिय अधिनायकवाद के सपने को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाने वाले तेजस्वी जी इनके आंखों के किरकिरी बन गये हैं और इसी वजह से इनके सारे अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय से लेकर निचले पायदान के नेता शपथग्रहण के साथ हीं निर्लज्जता पूर्वक पिछले दो दिनों में हजारों सवालों की बौछार कर रहे हैं.
जबकि अभी तक न तो मंत्रिमंडल का गठन हुआ है और न विधानसभा में बहुमत साबित करने की औपचारिकता. चितरंजन गगन ने कहा कि इनकी सोच का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि इनके केन्द्रीय मंत्री तेजस्वी के बयान को एडिट कर ट्वीट कर रहे हैं साथ हीं अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपने संस्कार का परिचय दे रहे हैं.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी जी ने स्पष्ट कहा है कि अधिक से अधिक नौजवानों को नौकरी और रोजगार कैसे मिले इसके लिए सरकार काफी गंभीर है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं पहल कर रहे हैं. एक से दो महीने के अन्दर परिणाम सामने आने लगेगा. बेरोजगारी हमारे नेता का प्राथमिक एजेंडा रहा है और रहेगा. यह उनकी हीं बड़ी उपलब्धि है कि आज करोड़ों रिक्तियां चुराने वाली भाजपा को भी बेरोजगारों की याद आने लगी है.
राजद प्रवक्ता ने भाजपा से जानना चाहा है कि प्रतिवर्ष दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 19 लाख नौजवानों को नौकरी देने के साथ हीं पिछले दिनों मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा 18 महीने में 10 लाख नौजवानों को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है केन्द्रीय सेवाओं में रिक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है। आज केन्द्र की भाजपा सरकार एक करोड़ से ज्यादा रिक्तियां चुरा कर बैठी हुई है। पिछले आठ सालों में मात्र 7. 22 लाख नौकरी दी गई। जबकि 22.05 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था जबकि इस आठ साल में सार्वजनिक उपक्रमों सहित केन्द्र सरकार के मातहत विभागों में 90 लाख से ज्यादा पद रिक्त हुए हैं. जबसे केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी है नौकरी देने की संख्या में क्रमिक रूप से कमी आती गई। 2014-15 में जहां 1 लाख 30,423 को नौकरी दी गई। वहीं 2015-16 में 1लाख 11807 ; 2016-17 में 1लाख 1333 ; 2017-18 में घटकर 76147 और 2018-19 में मात्र 38100 लोगों को नौकरी दी गई। चुंकि 2019 में लोकसभा का चुनाव था इसलिए वर्ष 2019-20 में 1लाख 47,096 लोगों को नौकरी दी गई थी। गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में फिर नौकरी पाने वालों की संख्या घटकर 38,850 हो गई। केन्द्र सरकार के कुल 40 लाख 35000 पदों में पिछले वर्ष तक 9 लाख 80,000 पद खाली थे जिनकी संख्या आज 12 लाख से ज्यादा हो गया होगा।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि आज की तारीख में रेलवे में 3 लाख , डिफेंस में 2.75 लाख , गृह विभाग में 1.40 लाख , डाक विभाग में 90,000 , राजस्व विभाग में 80,000 के साथ हीं अखिल भारतीय स्तर पर 2019-20 में 60 लाख से ज्यादा पद रिक्त थे जिसे आज की तारीख में एक करोड़ पहुंचने का अनुमान है। सार्वजनिक उपक्रमों को जोड़ देने पर रिक्तियों की संख्या लगभग दो करोड़ से ज्यादा हो जाएगी।
राजद प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 14 जून को प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी कि अगले 18 महीने में 10 लाख नौकरी देंगे। इस घोषणा के दो महीने हो गए, घोषणा के अनुसार अबतक 1 लाख 11 हजार लोगों को नौकरी मिल जानी चाहिए थी पर अभी तक किसी एक को भी नौकरी नहीं मिली.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार करोड़ों रिक्तियां चुरा कर रखे हुए है और लाखों नौजवानों की उम्र सीमा समाप्त होते जा रहा है आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा. गगन ने कहा कि भाजपा नेताओं में यदि थोड़ी भी लाज और शर्म बची हो तो उन्हें दूसरों से सवाल करने के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद एवं रितु जायसवाल के साथ ही पीके चौधरी , संजय यादव, डॉ प्रेम गुप्ता और निर्भय अम्बेडकर भी उपस्थित थे.
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