केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज संयुक्त रूप से महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन किया.
बिहार के लोगों के लिए यह बेहद खास अवसर है क्योंकि 20 साल से भी ज्यादा वक्त से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के लोग इस पुल का दोनों लेन एक बार में इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे. करीब साढ़े पांच साल में ₹1742 करोड़ खर्च कर इस पुल का पुनर्निर्माण कराया गया है.
उद्घाटन समारोह में गिरिराज सिंह और पशुपति पारस समेत बिहार से जुड़े कई केंद्रीय मंत्री और बिहार सरकार के मंत्री शामिल हुए. इस मौके पर कई विधायक भी कार्यक्रम में शामिल थे, लेकिन बड़ी बात यह कि इस बेहद खास अवसर पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नहीं बुलाने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने नाराजगी व्यक्त की है.
राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा इस पुल के पुनर्निर्माण में सबसे प्रमुख भूमिका तेजस्वी यादव की रही है जो उस वक्त बिहार के उप मुख्यमंत्री थे और उन्होंने ही सबसे पहले तत्कालीन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर इस पुल के पुनर्निर्माण की मांग की थी. उनकी मांग पर ही केंद्र सरकार ने इसकी इजाजत दी और तब यह काम शुरू हुआ. राजद प्रवक्ता ने कहा कि यह बेहद अफसोस की बात है कि जिस व्यक्ति की वजह से इस पुल का पुनर्निर्माण हुआ है और जिस व्यक्ति के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में यह पुल आता है उस नेता प्रतिपक्ष को ही सरकार ने इस समारोह में निमंत्रित नहीं किया. चितरंजन गगन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है ऐसे में उन्हें भी इस समारोह में बुलाया जाना चाहिए था.
pncb