सीएम नीतीश को है पासवान से चिढ़, करते हैं समुदाय के खिलाफ साजिश
बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट से पीछे हटने का सवाल नहीं
दरभंगा में आयोजित पासवान स्वाभिमान सम्मिलन में हुए शरीक
रामविलास की विरासत और उपलब्धियों का बखान
जात नहीं जमात के लिए काम करें युवा
संजय मिश्र,दरभंगा
चिराग पासवान ने बिहार सीएम नीतीश कुमार पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के जातीय सर्वे में घोर हेरा फेरी की गई है. जानबूझ कर पासवान जाति की जनसंख्या को कम कर के दिखाया गया है. चिराग ने कहा कि नीतीश कोई हथकंडा अपना लें लेकिन वे आम अवाम के चित से उतर चुके हैं.
उन्होंने ये बातें सोमवार को दरभंगा में कही. लहेरियासराय के पोलो ग्राउंड स्थित सभागार में आयोजित पासवान स्वाभिमान सम्मिलन में बतौर मुख्य अतिथि वे शरीक हुए. पासवान (पारंपरिक दुसाध) जाति की एकता के लिए सजे मंच को संबोधित करते हुए उन्होंने अहसास कराया कि वे इसके लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं. तालियों की गड़गड़ाहट से उत्साहित एलजेपी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सीएम को पासवान समाज से चिढ़ है. दलित समाज से नफरत है. यही वजह है कि दलित समाज को बांटने के लिए दलित – महादलित का कुचक्र रचा गया. और यह सब रामविलास पासवान के देश में बढ़े कद को छोटा करने के लिए किया गया.
नीतीश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पासवान के खिलाफ साजिश से मन नहीं भरा तो नीतीश एस सी समाज को बांटने की रणनीति पर चले ताकि सत्ता पर बने रहें.चिराग ने कहा कि बिहार सीएम जाति की राजनीति करते हैं लेकिन उसे सोशल इंजीनियरिंग का नाम देते हैं. ऐसे में हमें बंटना नहीं है, जाति की राजनीति नहीं करनी है बल्कि जमात की बात करनी है. सबको साथ लेकर आगे बढ़ना है. एस सी में कई जातियां हैं जो हाशिए पर हैं उनका हाथ पकड़ना है.
चिराग ने रामविलास पासवान की विरासत की याद दिलाई. विभिन्न मंत्रालयों में उनके उत्कृष्ट काम की याद दिलाई. कहा कि लॉक डाउन के समय बीमार होने के बावजूद गरीबों को अनाज पहुंचाने की योजना बना कर पीएम मोदी से मिले. और आज 81 करोड़ लोगों को पीएम गरीब अन्न योजना का लाभ मिल रहा है. रामविलास पासवान के संचार मंत्री रहते जो काम हुए उसके कारण ही गरीबों के हाथ में मोबाइल है. जिस भी विभाग में गए गरीब के कल्याण का काम कर अंबेडकर के सपनों को साकार करते रहे. अंबेडकर को भारत रत्न दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
चिराग ने भावनात्मक धागा जोड़ते कहा कि पासवान समाज उनकी शक्ति है. राजनीतिक पारिवारिक घात के बीच पासवान समाज ने अपना भाई समझ संबल दिया. चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार में एक मंत्री पद और बिहार सरकार में चार मंत्री पद मिल सकते थे. लेकिन उससे मोह त्यागते हुए बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का रास्ता उन्होंने चुना. उनके पर कुतरने की तमाम कोशिशें की गई.
उन्होंने कहा कि बिहार के स्वाभिमान, चहुमुखी विकास और पलायन रोकने की बात पर वे काम करते रहेंगे. उन्होंने आगाह किया कि क्षणिक लोभ के लिए पासवान समाज के कई लोग विरोधियों से मिल जाते हैं और पासवान समाज के बीच मतभेद पैदा कर देते हैं. पर हमें प्रदेश के बेहतर भविष्य की ओर देखना है.ऑल इंडिया पासवान एकता मंच के तत्वाधान में हुए इस आयोजन में विभिन्न नेताओं ने पासवान समाज के उत्कर्ष की ललक दिखाई. भोला पासवान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. वीरेंद्र पासवान ने अपने संबोधन में कहा कि पासवान समाज शिक्षित और जागरूक हो तो कोई भी जंग कठिन नहीं. लेकिन सतर्क रहना होगा. साजिश के तहत सर्वे में पासवान की जनसंख्या 5.3 प्रतिशत बताई गई है. जबकि 1921 के सेंसस में बिहार में पासवान (दुसाध) की जनसंख्या 5.5 फीसदी थी.
मौके पर विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया पासवान एकता मंच के निरंजन पासवान ने पासवान जाति के सामुहिक विकास पर जोर दिया. कहा कि दुसाध रेजीमेंट की स्थापना कैसे किया जाए इस पर विस्तार रूप से विमर्श होना चाहिए. आलोक देवराज ने समाज के उत्थान की बात की. भोला पासवान ने पासवान समाज में एकता पर बल दिया. इस दौरान अमर आजाद, चंदन पासवान, राजकुमार पासवान, सुनीति रंजन दास, ललन पासवान, लाल पासवान आदि मौजूद रहे. खास बात रही कि विभिन्न सियासी दलों के पासवान नेता सम्मिलन में सम्मिलित हुए.