पांच दिवसीय अनिल मुखर्जी नाट्योत्सव शुरू
निर्देशक पुष्पांजलि बेहरा एवं वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश कुमार हज्जू को अनिल मुखर्जी शताब्दी सम्मान
वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक घोष को कालिदास नाट्य सम्मान
उड़ीसा की चर्चित अभिनेत्री -निर्देशक पुष्पांजलि बेहरा की टीम ने नृत्य की दी प्रस्तुति
हिंदी साहित्य सम्मलेन में आयोजित हुआ कार्यक्रम
रवीन्द्र भवन में होगी नाटकों की प्रस्तुति
आज की प्रस्तुति रंगश्री नई दिल्ली का नाटक मास्टर गणेशी राम
हिंदी साहित्य सम्मेलन में रंगकर्मी, निर्देशक और बैट से संस्थापक अनिल कुमार मुखर्जी शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बिहार आर्ट थिएटर के संस्थापक अनिल कुमार मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए पूर्व सांसद रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने बिहार नाट्य आंदोलन को समृद्ध करने मे निभायी गई अनिल मुखर्जी की भूमिका की चर्चा की.
आर के सिन्हा ने कहा कि बिहार में नाट्य आन्दोलन को और तेज करने की जरुरत है.उसके लिए कलाकारों को सुविधा भी मिलनी चाहिए,समय समय पर उनका सम्मान होना चाहिए. उन्होंने डॉ चतुर्भुज, रामेश्वर सिंह कश्यप उर्फ लोहा सिंह समेत वरिष्ठ नाट्यकारों का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार में नाटकों की समृद्ध परम्परा रही है और यहां की नाट्य प्रस्तुतियों ने देश दुनिया का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है.
आर के सिन्हा ने कहा कि कालिदास रंगालय का होगा जीर्णोद्धार बहुत जरुरी है इसके जीर्णोद्धार से स्थानीय और बाहर से आने वाले कलाकारों को सुविधायुक्त प्रेक्षगृह मिलेगा तो उनकी प्रस्तुतियों में चार चांद लग जायेंगे इस मौके पर पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कालिदास रंगालय के जीर्णोद्धार के लिए सहयोग करने की घोषणा की.
इस अवसर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक निगरानी आलोक राज और पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक घोष को कालिदास नाट्य सम्मान और उड़ीसा की चर्चित अभिनेत्री -निर्देशक पुष्पांजलि बेहरा एवं वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश कुमार हजु अनिल मुखर्जी शताब्दी सम्मान से सम्मानित किया.
मुख्य वक्ता के रूप मे डॉ अशोक प्रियदर्शी ने भी विगत 40 वर्षों के नाट्य इतिहास की चर्चा की. स्वागत करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी कुमार अनुपम ने कहा कि सांस्कृतिक आंदोलन और नाटक संगीत और चित्रकारी आदि कला विधाओं से ही समाज का व्यक्तित्व बनता है.
डॉ शंकर प्रसाद और डॉ मधु वर्मा के साथ ही दिल्ली से भोजपुरी के चर्चित नाट्य निर्देशक और अभिनेता महेंद्र प्रसाद सिंह ने भी अपने वक्तव्यों मे अनिल मुखर्जी के नाटक पालकी, कारखाना और कॉकटेल की चर्चा करते हुए बताया कि उनके समकालीन का पटना का समाज सुसंस्कृत और गीत संगीत नाटक मे रुचि लेने वाला था. आज बिहार के नाट्य आंदोलन के क्षरण साफ देखा जा सकता है.इस मौके पर पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कालिदास रंगालय के जीर्णोद्धार के लिए सहयोग करने की घोषणा की. चार दिवसीय रमेश सिंह, सिकंदर ए आजम, अवधेश प्रभाकर, अशोक घोष, बीरेन्द्र कुमार समेत कई रंगकर्मी उपस्थित थे.
रवीन्द्र भारती