रमजान के पहले दिन सेहरी और इफ्तार का समय
सेहरी 3 बजकर 26 मिनट पर और इफ्तार 6 बजकर 35 मिनट पर
दूसरे दिन सेहरी 3 बजकर 26 मिनट और इफ्तार 6 बजकर 36 मिनट पर
शनिवार को चांद का दीदार होने के साथ ही रविवार से रमजान का पाक महीना शुरू हो गया. शनिवार की रात से राजधानी के तमाम मुस्लिम इलाके में तरावीह की नमाज शुरू हो गयी. रोज़ेदार रमजान के पाक महीने में ज्यादा से ज्यादा नेकियाँ कमाने के लिए गरीबों की मदद करने में लगे हैं . तरावीह की नमाज अदा करने के लिए लोग शाम के बाद से ही तैयारियां शुरु कर दिए. रमजान के पूरे महीने रात में विशेष नमाज तरावीह की नमाज अदा की जाती है. वहीँ इबादतगाहों में सफाई व अन्य इंतजाम किए गये हैं . लोग मस्जिदों और घरो में भी हाफिज कुरआन शरीफ दोहरा रहे हैं . वहीं घरों में भी सफाई में तेजी आ गई है. औरतें भी खुदा की इबादत की तैयारियों में मशगूल हैं. रमजान की आमद से बाजार में रौनक दिखने लगी है.
प्रसिद्ध खानकाह ए मुजिबिया के प्रबंधक हजरत सय्यद शाह मौलाना मिन्हाजुद्दीन मुजीबी कादरी ने कहा की रमजान का पाक महिना का चाँद शाबान की 29 तारीख को नहीं देखा गया और शाबान की 30 तारीख को चाँद नजर आये या न आये उसके दूसरे दिन से रमजान का महिना शुरू हो जाता है . उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म में रमजान एक तरह का पर्व की तरह होता है जो इस्लामी कैलेन्डर के नौवें महीने में मनाया जाता है . रमजान को सबसे पवित्र महीना माना जाता है . इस पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से लेकर सूर्योस्त तक रोजा ( उपवास रहना ) रखते हैं . इस दौरान कुछ भी खाया-पीया नहीं जाता है . शाम में तय समय पर एक साथ सभी लोग रोजा खोलते हैं . रोजा रखने की सबसे बड़ी हिकमत यह है कि इससे परहेजगारी मिलती है. इमारत शरिया के उप नाजिम मौलाना सुहैल अहमद नदवी ने कहा कि ईशा की नमाज के बाद तरावीह शुरू हो गयी . रमजान का मुबारक महीना 28 मई रविवार से पहले रोजा के साथ शुरू हो गया . उन्होंने बताया कि पूरे महीने रमजान की रात में विशेष नमाज अदा की जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं. पूरी दुनिया में मुस्लिम समाज इस पाक महीने को पूरी श्रद्धा से साथ मनाते हैं . इस माह में ही पैगम्बर हजरत मोहम्मद ने पवित्र कुरान जमीन पर उतारा था.
पटना से अजीत