रामलीला मैदान और तालियों से गूँजती रही रात

By om prakash pandey Oct 17, 2019

रामलीला मैदान में देवी जागरण का आयोजन,

आरा. 17 अक्टूबर. आरा के रमना मैदान स्थित रामलीला मैदान में बुधवार की रात तालियों से गूँजती रही. ये तालियां दर्शकों के बीच कलाकारो के दैविक रूप के दर्शन और उन्हें महसूस करने बाद बजट रहे. रात भर महिला,पुरुष और बच्चों को खुशनुमा माहौल में देखा गया. जहाँ सूरक्षकर्मी भी रातभर ड्यूटी में कलाकार रूपी भगवान का दर्शन कर ड्यूटी बजाते रहे.




देवी जागरण का आयोजन रामलीला समिति की ओर से बुधवार की रात में किया गया, जिसका शुभारंभ डिप्टी मेयर पुष्पा कुशवाहा ने मां दुर्गा की प्रतिमा की आरती उतार कर की. देवी जागरण की शुरुआत गणेश वंदना व घर मे पधारो गजानन जी से हुई. कार्यक्रम के उद्घोषक रवि केशर थे. इस मौके पर रामलीला समिति के अध्यक्ष प्रेम पंकज उर्फ ललन जी के साथ समिति के अन्य पदाधिकारीगण व सदस्य उपस्थित थे. बताते चलें कि दुर्गा पूजा के बाद हर साल देवी जागरण का आयोजन समिति द्वारा किया जाता है,जिसमें आरा शहर के सभी लोग शामिल होते है.

जागरण के कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान से तरुण चोपड़ा एन्ड टीम ने घुमर-नृत्य की प्रस्तुति के साथ की. कलाकारों के हाथों में गोल घूमने वाला लोक साज-समान थी जिसके सहारे वे उसे शानदार तरीके से घुमाते हुए शानदार प्रस्तुति दी. गाने के बोल पधारो म्हारे देश था.


कार्यक्रम की प्रारम्भ में ही राजस्थान के पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी रहे कलाकारों ने जोशीले नृत्य के जरिये दर्शकों के दिलों पर कब्जा जमा लिया. कलाकार सोनाली चक्रवर्ती ने नंगे पांव माथे पर नवदीप ले नुकीले किलों पर खड़ी हो जब नृत्य प्रस्तुत करने लगी तो दर्शकों की घिग्गी बंध गयी. सभी दर्शक खड़े हो गए और इस प्रस्तुति के लिए भरपूर तालियां बजायी.

भोले नाथ का जयकारा लगाते हुए दर्शकों से खुद को रूबरू किया यूपी के कानपुर से आये भक्ति गायक दीपक कुमार ने. उन्होंने मेरा भोला है भंडारी गाकर श्रोताओं को झुमा दिया. वही रात्रि के दूसरे पहर में यूपी सोनभद्र की गायिका वर्षा कश्यप ने सबसे बड़ा तेरा नाम ओ शेरो वाली…,रवि त्रिपाठी ने राम सिया राम जय जय राम के जरिये दर्शकों के हाथों को तालियों के लगातार बनाये रखा. तालियों की गड़गड़ाहट रात भर चलती रही.

तरुण चोपड़ा ग्रुप ने या देवी सर्व भूतेषु के साथ माता की झांकी प्रस्तुत किया. जिसमें अष्टभुजा देवी रूपी मां का वेश धरे कलाकार ने मंच पर नृत्य पेश किया. उनके साथ बाघ के वेश में कलाकार का महिसासुर से युद्ध और फिर उसपर विजय के दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. दर्शकों ने महिषासुर मर्दिनी का जयकारा लगाया और तालियों की गड़गड़ाहट ने रमना मैदान गूंज उठा. उसके बाद राधा-कृष्ण बने कलाकारों ने लठमार होली और फूलों की होली भी प्रस्तुत की, जिसमे अध्यक्ष प्रेम-पंकज के जन्मदिन का पता लगने पर राधा-कृष्ण बने कलाकारों ने उन्हें फूलों से स्नान कर दिया. वही इस प्रस्तुति के बाद दर्शकों के बीच भी कलाकारों व समिति के लोगो द्वारा फूलों की होली शुरू हो गयी. इस दृश्य से ऐसा लगा जैसे सभी वृंदावन में ही आ गए हों. खुशियों की अनुभूति और भक्ति रस में कलाकारों के दर्षकों के बीच आते ही दर्शक उनके साथ झूम उठते थे. अंतिम प्रस्तुति उज्जैन के महाकाल का मंचन किया गया. जिसमे कलाकार ने अघोर रुप धारण कर पूरे शरीर पर भस्म और गले मे रुद्राक्ष धारण कर शिव तांडव के जरिये दर्शकों को स्तब्ध कर दिया. पूरा दृश्य ऐसा लगा जैसे सचमुच रामलीला मैदान में शिव ही आ गए हों. दर्शकों के लिए कमिटी की ओर से चाय का उत्तम प्रबन्ध किया गया था जो रात भर चलता रहा. वही प्रसाद वितरण भी किया गया.

आरा से अपूर्वा व ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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