मंडी व्यवस्था को लेकर सुधाकर सिंह के इस्तीफे का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन ने बिहार सरकार को चेतावनी दी है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बिहार में फिर से मंडी व्यवस्था लागू करने की मांग की है. आपको याद दिला दें कि वर्तमान महा गठबंधन सरकार बनने के तुरंत बाद तत्कालीन कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बिहार में मंडी व्यवस्था लागू करने की बात कही थी. माना जाता है कि उनकी इसी मांग की वजह से उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर होना पड़ा. मंडी व्यवस्था की मांग को लेकर ही राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने नाराज होकर पार्टी दफ्तर आना छोड़ दिया है.
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए लिखा है कि बिहार में पिछले लगभग 15 -16 वर्ष से मंडियां बन्द हैं जिससे यहां के किसानों को न तो फसल बेचने का कोई प्लेटफार्म मिल पाता है और न ही फसल के भाव प्रभावी रूप से मिल रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा है कि बिहार के किसान अपने द्वारा पैदा किये हुए खाद्यान्न को दलालों के माध्यम से लागत से भी कम दाम पर बेचने पर मजबूर हैं. किसान की आर्थिक स्थिति बिहार में बदहाल हो चली है. न तो उसके पास में खेत में फसल बोने के लिए बीज का पैसा है और न परिवार का पालन-पोषण करने के लिए उपयुक्त धनराशि है.
राकेश टिकैत ने लिखा है, “मुख्यमंत्री जी, मंडियां न होने के कारण बिहार का किसान दूसरे प्रदेशों में आकर मजदूरी करने पर विवश हो गया है. जो छात्र किसान परिवार से आते हैं परिवार में धन उपलब्ध न होने के कारण उनकी शिक्षा पर इसका बहुत असर पड़ा है”.
राकेश टिकैत ने लिखा है कि हमारे आग्रह पर बिहार में दोबारा से मंडियां शुरू किये जाने का कार्य किया जाए, जिससे किसान को फसल बेचने का प्लेटफार्म और न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए.
किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी है कि अगर यह कार्य नहीं होता है तो बिहार में एक बड़ा आन्दोलन करने पर हम मजबूर होंगे.
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