सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर बायोग्रेडेबल और गैर-बायोग्रेडेबल (सूखा) कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन की व्यवस्था
कचरे को कारगर तरीके से ठिकाने लगाने के लिए रेलवे ने बायोग्रेडेबल (गीला) और गैर-बायोग्रेडेबल (सूखा)कचरे को जमा करने के लिए अलग-अलग डस्टबिन की व्यवस्था करने का फैसला किया है.कचरे जमा करने के ये डिब्बे ए-1 और ए वर्ग के रेलवे स्टेशनों के सभी प्लेटफार्मों, यात्रियों के आवागमन के स्थानों और स्टॉलों पर लगाए जाएंगे. जोनल रेलवे रेलवे स्टेशनों के सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगा ताकि वे गीले और सूखे कचरे को डस्टबिन से अलग-अलग करके उन्हें ठिकाने लगा सकें. रेलवे ने पहले ही यह निर्देश दे दिया है कि पेंट्री-कार और स्टेशन पर लगी इकाइयों के कचरे को कारगर तरीके से निपटाने के लिए डस्टबिन उपलब्ध कराए जाएं. ये डस्टबिन सभी रेलवे स्टेशनों के स्टॉलों के निकट लगाए जाने का भी निर्देश दिया गया है.
रेलवे बायोग्रेडेबल और गैर-बायोग्रेडेबल कचड़े के लिए विभिन्न रंगों के डस्टबिन और पॉलिथीन लगे बैग उपलब्ध कराएगा. बायोग्रेडेबल कचरे के लिए हरा और गैर-बायोग्रेडेबल कचडे के लिए काले रंग का डस्टबिन लगाया जाएगा. पहले चरण में जोनल रेलवे सभी ए-1 स्टेशनों पर तुरंत प्रभाव से अलग-अलग कचड़ा जमा करने के लिए विभिन्न डस्टबिन की व्यवस्था करेगा. इसके बाद ‘ए’ वर्ग के स्टेशनों पर 31 दिसंबर, 2016 तक या उसके पहले यह व्यवस्था कर ली जाएगी.