डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे के उपाय
01 जनवरी, 2017 से प्रभावी होगा
काउंटर पर भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान
डिजिटल एवं कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई घोषणा के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने विभिन्न प्रोत्साहनों एवं उपायों का अतिरिक्त निम्नलिखित पैकेज पेश किया है. यह 01 जनवरी, 2017 से प्रभावी होगा.
- रेल मंत्रालय ने आरक्षित एवं अनारक्षित दोनों ही टिकटें जारी करने के लिए यात्री टिकट सुविधा केन्द्रों (वाईटीएसके) को पीओएस मशीनें लगाने और सभी बैंकों के डेबिट/क्रेडिट कार्डों के जरिये भुगतान स्वीकार करने का निर्देश देने का फैसला किया है. इन केन्द्रों को अन्य मोड जैसे कि यूपीआई, यूएसएसडी, ई-वॉलेट, आधार से संबद्ध भुगतान प्रणाली के जरिये भी भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
- रेल मंत्रालय ने अनारक्षित टिकट जारी करने के लिए जन साधारण टिकट बुकिंग सेवा (जेटीबी) को भी अन्य मोड जैसे कि यूपीआई, यूएसएसडी, ई-वॉलेट, आधार से संबद्ध भुगतान प्रणाली के जरिये भुगतान स्वीकार करने का निर्देश देने का फैसला किया है.
- रेल मंत्रालय ने डिजिटल तरीकों जैसे कि डेबिट/क्रेडिट कार्डों के उपयोग के जरिये विश्राम-कक्ष की बुकिंग पर 5 फीसदी डिस्काउंट की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है.
- रेल मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि डिजिटल तरीकों जैसे कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड इत्यादि के जरिये भुगतान करने की स्थिति में उपनगरीय मार्गों के सीजन टिकटों (मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक) के मूल किराये में 0.5 फीसदी डिस्काउंट दिया जाएगा. 0.5 फीसदी रियायत देने के बाद जो मूल किराया होगा उस पर अन्य प्रभार जैसे कि एमयूटीपी सरचार्ज, मेला सरचार्ज, सेवा कर इत्यादि, यदि लागू हो, तो अलग से लगाये जाएंगे.