गायक मो. रफी की 98वीं जयंती पर आरा में कलाकारों ने दी स्वर श्रद्धांजलि

By pnc Dec 27, 2022 #md rafi

संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

एक शाम रफी के नाम कार्यक्रम का आयोजन




संस्कृतिकर्मी शमशाद प्रेम एक दशक से ज्यादा समय से करा रहे हैं कार्यक्रम

सृष्टि और रजनी शाक्या ने बेहतरीन गीतों की दी प्रस्तुति

सुविख्यात पार्श्व गायक मो. रफी की 98वीं जयंती के अवसर पर श्रेया म्यूजिक वर्ल्ड के तत्वावधान में मौलाबाग में एक शाम मो.रफी के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें आरा और बक्सर के दर्जनभर कलाकारों ने मो. रफी और अन्य कलाकारों के गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम का उद्घाटन गायक धर्मेन्द्र सिंह, निजामुद्दीन खां, राजकुमार, सुनीता पांडेय, रजनी शाक्या और सृष्टि ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर और तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया. संस्कृतिकर्मी शमशाद ‘प्रेम’ ने मंच संचालन करते हुए मो. रफी के फिल्म संगीत में योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मो. रफी साहब एक अच्छे फनकार हीं नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के अलावा समाज के कई लोगों की विभिन्न माध्यमों से मदद की. उनके संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.

धर्मेन्द्र सिंह ने तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे…गीत गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. तदोपरांत धर्मेन्द्र सिंह ने दिल का सूना साज तराना ढूंढेगा…, न फनकार तुझसा तेरे बाद आया…,बक्सर से आई सृष्टि ने तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है…,रसिक बलमा हाय…, नैना बरसे रिमझिम-रिमझिम…, मो. मनव्वर अंसारी ने मेरा तो जो भी कदम है…, चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे…, रमेश कुमार ने चाहे कोई राह न पाए…, राजकुमार ने आने से उसके आए बहार…, खिलाैना जानकर मेरा दिल…, रजनी शाक्या ने हमें और जीने की चाहत ने होती…, अम्बे शरण ने मेरी सांसों में तू है समाया…ने बखूबी पेश किया. वहीं सुनीता पांडेय ने जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं…

नवीन कुमार ने तेरी गलियों में न रखेंगे कदम…, प्रत्युष कुमार पांडेय ने आने से उसके आए बहार…,अलका शरण ने तूने ओ रंगीला कैसा जादू…, हरिओम शरण ने ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं… और निजामुद्दीन खां ने मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो…पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया. वहीं धर्मेन्द्र सिंह व अंबे शरण ने तुमसे मिलकर ना जाने क्यों…, धर्मेन्द्र सिंह व रजनी शाक्या ने काहे को बुलाया मुझे बालमा… और छुप गये सारे नजारे ओय क्या…पेश कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर किया. कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी बीएन सिंह और शैलेन्द्र सच्चू के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम में मृत्युंजय कुमार सिन्हा, डा. सिद्धनाथ सागर, सुशील कुमार, जनार्दन मिश्र, नंद किशोर पांडेय, पूनम पांडेय, कौशलेश, कृष्णेन्दू, डा. रेणु मिश्र, डा.ममता मिश्रा, पुनीता सिंह, अंबुज आकाश, संजीव सिन्हा, हरिश्चन्द्र साह आदि मौजूद थे.

PNCDESK

By pnc

Related Post