सील हुई डील अब दुश्मनों को नहीं होगा गुड फील

By pnc Sep 23, 2016

 डील 7.08 अरब यूरो की 

36 राफेल विमानों की डील पर सील




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पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सुरक्षा-व्यवस्था को उस वक्त एक बड़ी मजबूती मिली जब फ्रांस से 36 राफेल विमानों की डील पर सील लग गयी. दिल्ली में भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां-यीव्स ली द्रियान ने डील पर दस्तखत किए. इस डील के तहत भारत को राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 36 महीने में शुरू हो जाएगी और यह डील किए जाने की तारीख से 66 महीने में पूरी हो जाएगी.पिछले 20 सालों में यह लड़ाकू विमानों की खरीद का पहला सौदा है. इसमें अत्याधुनिक मिसाइल लगे हुए हैं जिससे भारतीय वायु सेना को मजबूती मिलेगी.यह राफेल लड़ाकू विमानों का सबसे बड़ा सौदा है.इससे पहले मिस्र और कतर ने पिछले साल 24-24 विमानों का ऑर्डर दिया था. ये डील 7.08 अरब यूरो की है. सूत्रों के मुताबिक इस लड़ाकू विमान की खरीद पर मोदी सरकार यूपीए सरकार के समय की कीमत से करीब 560 करोड़ रु. बचा रही है.नवीनतम मिसाइलों और शस्त्र प्रणालियों से लैस और भारत के अनुकूल कई रूपान्तरण वाले इन लड़ाकू विमानों से भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी एवं मारक क्षमता को उसके धुर विरोधी पाकिस्तान से मजबूती मिलेगी.

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इन विमानों में ‘मेटेअॅर’ तथा ‘स्कैल्प’ जैसी ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ मिसाइलें लगी हैं जिनसे भारतीय वायु सेना को अपने शस्त्र बेड़े में नयी क्षमता हासिल हो जाएगी. इन विमानों की खासियत इसकी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) मेटेअॅर मिसाइल है. कुल 150 किमी की मारक क्षमता वाला यह रणनीतिक प्रक्षेपास्त्र हवा से हवा में निशाना साध सकता है. वर्तमान में पाकिस्तान के पास केवल 80 किमी की मारक क्षमता वाली बीवीआर है.करगिल युद्ध के दौरान भारत ने 50 किमी की मारक क्षमता वाली बीवीआर का उपयोग किया था जबकि पाकिस्तान के पास ऐसी कोई मिसाइल नहीं थी.बहरहाल, पाकिस्तान ने बाद में 80 किमी की मारक क्षमता वाली बीवीआर खरीदी लेकिन अब ‘मेटेअॅर’ ने हवाई क्षेत्र में शक्ति संतुलन बदलते हुए भारत का पलड़ा भारी कर दिया है.

 

 

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