क्षेत्र में हिंसा या दंगा से निपटने की आपात परिस्थितियों मैं सामंजस्य बिठाने को लेकर रैफ और पुलिस का साझा अभियान
फुलवारी शरीफ थाना में हुई रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस स्थानीय पत्रकारों के साथ बैठक, रैपिड एक्शन फोर्स और लोकल पुलिस का फ्लैग मार्च
सुरक्षा बलों और पुलिस का क्षेत्र से परिचय होना जरूरी
फुलवारी शरीफ़, (अजीत यादव ): हिंसा या दंगा के आपात स्थिति में रैपिड एक्शन फोर्स का हालात पर काबू करने के तौर तरीकों को लेकर स्थानीय पुलिस पत्रकार बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक का आयोजन पटना के फुलवारी शरीफ थाना में किया गया. इस बैठक का उद्देश्य यह है कि किसी भी क्षेत्र में अचानक हिंसा क्या दंगा की स्थिति बनने पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को इलाके से परिचय करना और संवेदनशील इलाके में हालात को काबू करने के लिए स्थानीय पत्रकार बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों से मिलना जुलना और उनके बारे में जानकारियां साझा करना है ताकि उसे स्थिति को संभालने में कोई दूसरा नुकसान या अमानवीय घटना ना हो पाए. कई बार ऐसा देखा गया है कि इलाके से परिचित नहीं होने पर फोर्स के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में शांति बहाल करने वाले लोग परेशानी में आ जाते हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार के द्वारा रैपिड एक्शन फोर्स स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इलाके का भ्रमण एवं एक दूसरे के बारे में जानकारी हासिल करने का अभियान चलाया जा रहा है.
डीएसपी रैफ संजीत कुमार ने बताया कि कई बार रैफ की टीम अचानक पहुंचती है और वो उक्त जगह पर फिट नहीं बैठ पाती है. लोकल लोगों, लोकल प्रशासन के साथ स्थानीय स्तर पर एकाएक समन्वय बनाना चुनौतीपूर्ण होता है. एडजेस्टमेंट में परेशानी आती है.इसीलिए एक दूसरे के काम को समझने और एक दूसरे से कॉर्डीनेशन बनाने के लिए संयुक्त अभ्यास किया जा रहा है. संवेदनशील जगहों पर संयुक्त अभ्यास मार्च किया जा रहा है. ये पूर्वाभ्यास इलाके की जानकारी के लिए है.वहां के स्थानीय प्रशासन, प्रबुद्ध लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए है.इस पूर्वाभ्यास के जरिए भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने की दिशा में काम किया जाता है.
फुलवारी शरीफ थानाध्यक्ष मसूद अहमद हैदरी ने बताया की पुलिस मुख्यालय के दिशा निर्देश पर शहरी इलाके के संवेदनशील थान क्षेत्र में पुलिस और रैफ की ओर से इन दिनों संयुक्त अभ्यास किया जा रहा है.
इस दौरान सुरक्षा कर्मी चिन्हित संवेदनशील जगहों पर मार्च भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अचानक किसी वजह से हुई हिंसा या दंगा होने की स्थिति में कैसे छोटी छोटी बातें अफवाह में तब्दील हो जाती हैं, उससे कितना बड़ा नुकसान स्थानीय स्तर पर होता है, इन सब चीजों से कैसे बचा जाए. पुलिस वालों और स्थानीय लोगों के बीच कैसा कॉर्डीनेशन हो इन बिंदुओं को केंद्रित करते हुए लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखने के लिये ने पुलिस रैफ सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय पत्रकार बुद्धि जीवी लोगों को सुझाव दिए गए और उनसे कुछ सुझाव लिए गए.