बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. तृतीय स्नातक स्तरीय पीटी के पहले पेपर के दौरान परीक्षा के बीच में ही प्रश्न पत्र वायरल हो गया. आयोग की जांच में वायरल प्रश्न पत्र सही पाया गया है जिसके बाद बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दी है. इन सबके बीच दूसरे चरण की परीक्षा के बाद भी छात्र नेता दिलीप कुमार ने दावा किया है कि दूसरे चरण का प्रश्नपत्र भी वायरल है और इसका उत्तर भी सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं. ऐसे में 23 दिसंबर को संपन्न पहले और दूसरे चरण की परीक्षा सवालों के घेरे में है.
आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार दिनांक 23.12.2022 को तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2022, जिसकी विज्ञापन संख्या 01/2022 है की दो चरणों में राज्य के 38 जिलों के 528 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा का आयोजन किया गया. तृतीय चरण की परीक्षा दिनांक 24.12.2022 को पूर्वाह्न में आयोजित करायी जायेगी. शुक्रवार दोपहर लगभग 12:30 बजे आर्थिक अपराध इकाई के पदाधिकारियों से सूचना प्राप्त हुई कि उन्हें व्हाट्स एप पर कुछ पन्ने प्रश्नों के प्राप्त हुए है, जिसका मिलान प्रथम चरण की परीक्षा के प्रश्नों से कर लिया जाय.
आयोग ने कहा कि प्राप्त प्रश्नों के पन्नों को मिलान करने पर ज्ञात हुआ कि प्रश्नों के पन्ने परीक्षा से ही संबंधित हैं.
सूक्ष्म सत्यापन से प्रश्न पुस्तिका पन्ने से संबंधित परीक्षा केन्द्र का पता चला, जहाँ से इस घटना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त की गई. प्रथम चरण की परीक्षा का समय 10:00 बजे पूर्वाहन से 12:15 अपराहन तक था. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रश्न पुस्तिका के जो पृष्ठ व्हाट्स एप पर प्रसारित किये गये उसका समय 11:09 बजे पूर्वाहन के बाद का है. परीक्षा समाप्त होने तक इन प्रश्नों के उत्तर का आदान-प्रदान किसी स्तर पर परीक्षा की अवधि के दौरान सामने नहीं आया है.
आर्थिक अपराध इकाई को इस संबंध में सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध करा दी गयी और आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा इस संबंध में अनुसंधान की अग्रिम कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है.
प्रश्न पत्रों के कुछ पन्नों के परीक्षा केन्द्र से बाहर आने के संबंध में बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियाँ आर्थिक अपराध इकाई से साझा कर ली गयी है, जिन्हें अनुसंधान के दृष्टिकोण से अभी देना उचित नहीं है.
परीक्षा केन्द्र स्तर पर इस घटना के कारण की कुछ प्रशासनिक त्रुटियाँ सामने आई हैं, जिसके संबंध में यथोचित कार्रवाई की जाएगी.
जहाँ तक प्रथम चरण की परीक्षा की स्वच्छता का प्रश्न है, आयोग इस पर बहुत गंभीर एवं संवेदनशील है. यदि तनिक भी ऐसा पाया जाता है कि प्रश्न पत्र के परीक्षा केन्द्र से बाहर आने से परीक्षा प्रभावित हुई है तो प्रथम चरण की परीक्षा को रद्द करने में कोई भी देर नहीं की जाएगी. इस बारे में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भी कहा है कि अगर जांच में गड़ बड़ी की बात सामने आती है तो परीक्षा रद्द कर दी जाएगी.
pncb