प्यार की डोर बिहार से कच्छ तक : भाई-बहनों के लिए भावुकता भरा पल
रण ऑफ कच्छ में फौजी भाईयों को भेजी गयी
संभावना स्कूल में राखी प्रर्दशनी सह पुरस्कार वितरण समारोह का हुआ आयोजन
चार दिवसीय कार्यशाला में बच्चों द्वारा निर्मित राखी की लगाई गई थी प्रदर्शनी
6 से 12वीं तक के बच्चो ने लिया था भाग
आरा,15 अगस्त(ओ पी पांडेय). प्यार एक ऐसा शब्द है जिसकी अनुभूति में व्यक्ति अपने प्राणों की बाजी तक लगा देता है यह प्रेम देश के लिए हो तब, या माँ-बाप के लिए हो तब, लेकिन जब इस प्रेम की चर्चा भाई-बहन के बीच आती है तो सदियों से चली आ रही रक्षाबंधन का त्योहार याद आता है. ऐसा नही है कि भाई बहन के लिए या बहन भाई के लिए प्राणों की बाजी राखी के बिना नही लगाती लेकिन इतिहास अतीत में अंकित सूत के इस घागे का कितना महत्व है यह जग जाहिर है. महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण की उंगली में द्रौपदी ने इस पवित्र सूत को बाँधा तो राजा बली की पत्नी ने वामन अवतार में भगवान विष्णु को. रानी कर्णावती द्वारा हुमायु को इस रेशम रूपी प्रेम के प्रतीक धागे की कहानी तो बाद की है. कुछ भी हो अतीत के आईने में दर्ज इन कहानियों भाई-बहन के प्रेम का एक प्रतीक बन गया सूत व रेशम का यह पवित्र और अटूट विश्वास का धागा जो अपनी भौतिक मजबूती से कहीं ज्यादा दृढ़ और लौह रूप में पर्वत के समान खड़ा हो गया.
भाई-बहन के इसी प्रेम के डोर यानि राखी को बिहार से 150 बहनों ने अपने 500 भाईयों के लिए गुजरात के कच्छ के लिए भेजा है. आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि ये भाई किसी के अपने भाई नही हैं बल्कि बॉर्डर पर देश की रक्षा करने वाले फौजी भाई हैं. क्यों चौंक गए!! अभी थोड़ा दम लीजिए क्योंकि आगे जो आप सुनेंगे तो आपकी भी सवेंदनशीलता का लेबल और गहरा हो जाएगा….इन राखियों को इन बहनों ने खुद अपने हाथों से कलात्मक रूप दिया है. ये बहनें कोई और नही भोजपुर जिले के आरा के फेमस सम्भावना आवासीय विद्यालय की छात्राएं हैं. आपको बताते चलें कि विद्यालय पिछले कई सालों से फ़ौजियों को बच्चों द्वारा राखी बनवा कर भेजता आ रहा है. इस बार रेगिस्तान में तैनात फौजी भाईयों तक यह राखी भेजा गया है.
पिछले दिनों शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा स्थित ‘शांति स्मृति’ संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के जुबली हॉल में को राखी प्रर्दशनी सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुआ. जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि नगर आयुक्त निरोज कुमार भगत, विद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र, प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह, पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के जिलाध्यक्ष मेजर राणा प्रताप सिंह, अवधेश पाण्डेय एवं राम कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया. मंच संचालन शिक्षक अरविंद ओझा एवं धन्यवाद ज्ञापन कला शिक्षक संजीव सिन्हा ने की.
राखी मेकिंग कार्यशाला में वर्ग 6 से लेकर 12वीं तक के 150 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. मुख्य अतिथि नगर आयुक्त निरोज कुमार भगत ने कहा कि राखी प्रर्दशनी अद्वितीय है. प्रदर्शनी में बच्चों ने अपनी छिपी प्रतिभा को उकेरा है. राखी मेकिंग कार्यशाला का जो उद्वेश्य है. वह काफी सुन्दर व भावनात्मक है. सरहद पर तैनात फौजी भाईयों को राखी भेज कर विद्यालय के बच्चों ने मिशाल कायम किया है. फौजी भाई विषम परिस्थितियों में हमारी रक्षा करते है. बच्चो को सफलता का गुर सिखाते हुए नगर आयुक्त ने कहा कि स्कूल शिक्षा के बाद आपको लाइफ की प्रतियोगिता का जंग जीतना है. अभी से लक्ष्य का निर्धारण करे. आप बैंकिग, शिक्षण, वन, कृषि, खेल व अन्य क्षेत्र में आप मेहनत कर लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. पुराने समय में इंटरनेट नही था. आज नेट का युग है. जिस विषय में आपकी रुचि हो. उसी का चयन करें. मेहनत करें और धैर्य रखे. निश्चित रुप से आपको सफलता मिलेगी. असफलता ही सफलता की सीढी है.
मेजर राणा प्रताप सिंह ने कहा कि पहले रक्षा बंधन पर फौजी भाईयो को राखी काफी दिनो के बाद मिलता है. पहले के मुकाबले आज का दौर बदल गया. अब बहुत जल्द ही राखी मिल जाती है. फौजी भाईयो को राखी भेजना गर्व की बात है. इसके लिए विद्यालय परिवार को धन्यवाद.
प्रबंध निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने कहा कि चार दिवसीय राखी मेंकिंग कार्यशाला में 1120 राखियो का निर्माण हुआ. जिसमें कला शिक्षक बिष्णु शंकर एवं संजीव सिन्हा ने काफी मेहनत किया. पिछले डेढ दशक से यह कार्यशाला आयोजित हो रहा है. विद्यालय परिसर में ही बच्चों द्वारा निर्मित राखियो की प्रर्दशनी लगाई गई. संभावना का उद्वेश्य है कि यहां के बच्चे कार्यकुशल हो.
28 साल का हुआ विद्यालय
संभावना स्कूल इस बार 15 अगस्त को अपना 28 वां बर्षगांठ मना रहा है. इस विद्यालय ने अब तक अनेको आईएएस, आईपीएस, आईआईटीयन, इंजीनियर और डाक्टर दिए हैं. सैकड़ों फौजी जवानों को तैयार किया है. स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि प्रत्येक पर्व-त्योहार किसी न किसी रिश्ते से जुडा होता है. हमारे देश की सरहद पर वैसे फौजी भाई भी तैनात होते है, जो विषम परिस्थितियों में वतन के साथ-साथ हमारी रक्षा करते है. हम बहनें भी फौजी भाईयों को राखी भेज कर अपनी भावना को प्रर्दशित करती है. पिछली बार स्कूल के बच्चो द्वारा बनाई गई राखी को भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी भेजा गया था.
इस बार कार्यशाला में बच्चो द्वारा निर्मित राखी भारत-पाकिस्तान सीमा पर रण आॕफ कच्छ में भेजा जाएगा. इस मौके पर राम कुमार सिंह एवं अवधेश पांडेय ने भी अपना-अपना वक्तव्य दिया. कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि को विद्यालय के निदेशक द्वारा प्रतीक चिन्ह लेकर सम्मानित किया गया. वहीं अन्य अतिथियों को प्राचार्या एवं निदेशक द्वारा संयुक्त रूप से पौधा देकर स्वागत किया गया. प्रदर्शनी का स्वावलोकन मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा किया गया. तत्पश्चात मुख्य अतिथि नगर आयुक्त निरोज कुमार भगत व अन्य अतिथियों द्वारा उत्कृष्ट राखी निर्माण करने वाले बच्चों को मोमेंटो एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया.
सम्मानित होने वाले बच्चों में जिया सिंह, अनन्या कुमारी, आराध्या कुमारी, जानवी, शैहेला जबी, आराध्या कुमारी, सौम्या ओझा, स्वस्तिका, कृष्ण कुमार, मुस्कान राज, प्रीति सिंह, अभिनीत सिंह हैं. वही राखी पर आधारित कविता में लिखने वाले बच्चों में आन्या, कृष्ण कुमार एवं आराध्या को भी पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. स्वागत गीत प्रस्तुत करने वालों में आन्न्या केसरी, अर्पिता केसरी, सौम्या सिंह, सारिका सिंह, रिद्धि शांडिल्य, आकांक्षा कुमारी, रिया, सुप्रिया यादव, मनीषा यादव, तान्या सिंह, श्रद्धा, प्रियांशी सिंह, वेदिका सिंह, अनुष्का सिंह एवं जया कुमारी रही. इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिका एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद रहें.