प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की हैदराबाद हाउस में मुलाक़ात
द्विपक्षीय संबंधों और सामरिक भागीदारी में कोई बदलाव नहीं-नरेंद्र मोदी
आतंक के खिलाफ एक साथ लड़ेंगे हम–पुतिन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की।आपसी बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सामरिक भागीदारी में कोई बदलाव नहीं आया है। कोविड के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देशों के बीच सहयोग रहा है और आगे भी बना रहेगा। आर्थिक क्षेत्र में भी हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए हम एक दीर्घकालिक दृष्टि अपना रहे हैं। हमने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर ट्रेड और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है। 2021 हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इस वर्ष हमारे 1971 की ट्रीटी ऑफ पीस फ्रेंडशिप एंड कोऑपरेशन के पांच दशक और हमारी सामरिक भागीदारी के 2 दशक पूरे हो रहे हैं।
इस मुलाक़ात के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारत एक महाशक्ति है और हमारा विश्वसनीय दोस्त है। मुझे भारत का दौरा करके बहुत खुशी हो रही है। पिछले साल दोनों देशों के बीच ट्रेड में 17% की गिरावट हुई थी परन्तु इस साल पहले 9 महीनों में ट्रेड में 38% की बढ़ोतरी देखी गई है। हम सहयोगी हैं और बहुत महत्वपूर्ण चीजों पर साथ काम कर रहे हैं जिसमें ऊर्जा क्षेत्र, अंतरिक्ष सहित उच्च तकनीक शामिल हैं। आज हमने यहां जिन प्रोग्राम पर बात की है उन्हें पूरी तरह से लागू किया जाएगा जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग शामिल है।
रूस की मदद से अमेठी में बनेगी एके-203 राइफ़ल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे से पहले भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने सोमवार को दोनों देशों के बीच रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए।इनमें से एक अहम समझौता एके-203 असॉल्ट राइफ़ल्स को लेकर है। रूस के सहयोग से इन राइफल्स का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।समझौते के मुताबिक साल 2021 से लेकर 2031 तक 6 लाख एके-203 राइफ़लें ख़रीदी जा रही है ।इसके अलावा कलाशनिकोव श्रृंखला के छोटे हथियारों के निर्माण में सहयोग को लेकर हुए समझौते में संशोधन संबंधी प्रोटोकॉल को लेकर भी एक क़रार हुआ।समझौतों के बाद भारत और रूस के संबंधों पर राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा सहयोग द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मज़बूत स्तंभ हैं
भारत के पास अब एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टकम की पांच रेजीमेंट
भारत और रूस के रिश्तेि को दुनिया जानती हैं। अब तक की सरकारों ने इन रिश्तोंध को एक नया मुकाम देने की कोशिश की है। रूस के राष्ट्रहपति की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कुछ ही दिन बाद देश विजय दिवस मनाने वाला है।16 दिसंबर को ही बांग्लाेदेश में पाकिस्ता न के पूर्व शासक और जनरल नियाजी ने अपने 90 हजार से अधिक सैनिकों के सामने भारत के सामने आत्मक समर्पण किया था। पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी। उस समय को याद करते हुए कहते हैं कि इस लड़ाई में भी रूस ने भारत को अपना सहयोग दिया था।
एक अधिकारी ने बताया कि जिस वक्तथ भारत को न्यूाक्लियर सबमरीन की जरूरत थी और अमेरिका समेत सभी देशों ने उसको झिड़क दिया था, तब रूस ने ही भारत का साथ दिया था। रूस ने भारत को बमवर्षक विमान तक देने की पेशकश की थी, हालांकि भारत ने इसे नहीं लिया और बांग्लातदेश को आजाद कराने के लिए शुरू किए गए अपने सैन्य, अभियान में बम गिराने के लिए ट्रांसपोर्ट विमान का इस्तेनमाल किया था।
रूसी राष्ट्र पति ऐसे समय में भारत पहुंचे है जब रूस निर्मित एस-400 मिसाइल भारत के पास आगई है।उनके मुताबिक इसकी पहली खेप आ चुकी है और ये मिसाइल सिस्टिम पाकिस्तािन में से कहीं से भी उड़ने वाले विमान, मिसाइल या ड्रोन का पल भर में पता लगा सकती है। उसको मार गिराने के लिए भारत को अपने लड़ाकू विमानों को भी वहां पर भेजने की जरूरत नहीं होगी।
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