पूर्वजों को पिंड अर्पण से मिलती है जहां मोक्ष
पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला में पुनपुन नदी घाट पर पिंडदानियों का सैलाव उमड़ जिसमें बिहार समेत कई राज्यों के श्रद्धालु शामिल हुए. सुबह से ही पिंडदान के लिए श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान कर पहले तर्पण किया और फिर विधि विधान से नदी तट पर ही पिंडदान कर शाम होते होते गया के लिए प्रस्थान कर रहे हैं.पुनपुन नदी घाट पर पिंडदान करने वालों में आगरा के श्याम बिहारी,दिल्ली के अनिल कुमार,असम के करुणा चौधरी,एम पी के राजकुमार वर्ण बताया कि वे बीते 16 सितम्बर को ही यहां आये है.पहला पिंडदान पुनपुन में करने के बाद गया जा रहे है जहां पिण्डदान का कर्मकांड को पूरा कर वापस घर चले जाएंगे.
इधर पुनपुन पंडा समिति के सुदामा पंडित और पर्यटन विभाग के सदस्य मधुसूदन सिंह व विनोद सिंह ने बताया की पिंडदानियों की संख्या को देखते हुए अंदाज लगाये जा रहे थे कि पिंडदान करने वालों की संख्या करीब 10 हजार से ऊपर होगी .सुबह से शाम तक पिंडदानियों के आने- जाने का सिलसिला जारी था.इधर मेला आयोजन समिति व जिला प्रशासन की ओर से पिंडदानियो की सुविधा को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया था .
जगह जगह पीने का पानी, साफ सफाई से लेकर उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था .मेला में महिला सुरक्षा कर्मी भी तैनात थी .इन सब के बीच अनुमंडल पदाधिकारी आनंद शर्मा खुद मेला में घुम कर उसका जायजा लेते रहे.इधर रविवार को पितृपक्ष मेला को लेकर पुनपुन हाल्ट स्टेशन का जयजा लेने रेल एस पी जीतेन्द्र मिश्रा पहुंचे और पिण्डदान करने आये रेल यात्रियों से किसी तरह की असुविधा के बारे में जानकारी ली.