स्वच्छ पर्यावरण के लिए फ्लाई ऐश से बनी ईंटों का करिए उपयोग

By Amit Verma Nov 24, 2016

 

फ्लाई एश से बनी ईंटें होती हैं बेहतर और किफायती 




केन्द्र सरकार ने थर्मल प्लांट्स से निकलने वाले फ्लाई एश से ईंटे  बनाना किया अनिवार्य

थर्मल पावर फ्लांट के 300km के दायरे में फ्लाई ऐश से ही ईंटे बनाना अनिवार्य 

अच्छे सप्लाई चेन से बढ़ेगा फ्लाई ऐश ईंटों का प्रोडक्शन 

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बुधवार को बिहार राज्य़ प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने बुधवार को एक वर्कशॉप का आयोजन पटना में किया. ईंट निर्माण में मिट्टी की जगह फ्लाई ऐश के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस वर्कशॉप का उद्घाटन वन पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव और BSPCB के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने किया.

इस मौके पर वन पर्यावरण विभाग के प्रधान सचि विवेक कुमार सिंह ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए थर्मल पावर प्लांटों से निकले फ्लाई ऐश के उपयोग को ईंट निर्माण में अनिवार्य करने हेतु केन्द्र सरकार अधिसूचना जारी कर चुकी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जित फ्लाई ऐश का ईंट निर्माण उद्योग को बेहतर सप्लाई चेन डेवलप करना जरूरी है ताकि फ्लाई ऐश का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सके और पर्यावरण को इससे होनेवाली हानि से बचाया जा सके.

डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट डाॅ. सौमेन मैती ने कहा कि उनकी संस्था द्वारा 2014 में बिहार में कराए गये सर्वेक्षण में यह पाया गया कि राज्य में करीब 5700 से

6000 ईंट-ंभट्ठे स्थापित हैं जो देश में यूपी,  वेस्ट बंगाल और पंजाब के बाद चौथे नंबर पर है. यहां ईंट निर्माण में करीब 4 मिलियन टन कोयले का उपयोग हर साल किया जाता है, जिससे 12 मिलियन टन

कार्बन-ंडाइऑक्साइड का उत्सर्जन हो रहा है. ये ईट-भट्ठे  90 परसेंट कृषि योग्य मिट्टी और 10 फीसदी नदी किनारे की मिट्टी का उपयोग कर रहे हैं.

वर्कशॉप में विशेषज्ञों के मुताबिक फ्लाई ऐश ईंट से जुड़ी प्रमुख बातें

पारंपरिक मिट्टी के ईंट के मुकाबले बेहतर है फ्लाई ऐश से निर्मित ईंट

बिहार में ईंट की मांग को देखते हुए फ्लाई ऐश ईंट के खपत की अच्छी संभावना है

फ्लाई ऐश ईंट को लेकर लोगों में जागरुकता लाने की जरूरत

राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार केवल ‘स्वच्छतर ईंट निर्माण तकनीकी’ जिसमें फ्लाई ऐश ईंट निर्माण भी शामिल है, वाले ईट-ंभट्ठों को ही सहमति दी जाएगी

फ्लाई ऐश ईंट निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने ‘एक टास्क फोर्स’ का गठन किया है.

कहलगांव थर्मल पावर प्लांट के पास फ्लाई ऐश प्रचूर मात्रा में उपलब्ध

 

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