कुलाध्यक्ष माननीय राम नाथ कोविंद ने स्वीकार किया प्रो.अरविन्द अग्रवाल का इस्तीफा
निवर्तमान वीसी प्रो.अरविंद अग्रवाल ने दिल्ली स्थित असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (ए आई यू) में प्रो.राय को सौंपा कार्यभार
उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जारी किया आदेश
अध्ययन-अध्यापन पर रहेगा ज़ोर, सबके सहयोग से आगे बढ़ेगा विवि – प्रो.राय

ज्ञात हो कि केविवि में ज्वाइनिंग से पूर्व प्रो.राय महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में कार्य परिषद और विद्या परिषद के सदस्य के रूप में तथा जनसंचार विभाग के अध्यक्ष, अध्ययन मण्डल अध्यक्ष, छात्र कल्याण अधिष्ठाता के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं. प्रो. राय को हाल ही में भारत के राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के प्रथम कोर्ट में सदस्य के रूप में मनोनीत किया था. शिक्षा तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रो. राय को भारत ज्योति पुरस्कार, संचार श्री पुरस्कार, उत्कृष्ठ शिक्षक सम्मान तथा सामाजिक -सांस्कृतिक क्षेत्र में किए गए योगदानों के लिए विदर्भ भूषण पुरस्कार, द्वारिकाधीश मानद उपाधि जैसे अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. 20 पुस्तकों के लेखक-संपादक, दर्जनों शोध पत्रों के प्रस्तोता, प्रोफेसर अनिल कुमार राय इससे पूर्व वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के जनसंचार विभाग के संस्थापक अध्यक्ष रह चुके हैं तथा वहां कार्य परिषद, विद्या परिषद तथा अध्ययन मण्डल अध्यक्ष के माध्यम से उच्च शिक्षा के उन्नयन में अपना योगदान दे चुके हैं.
कई पत्र-पत्रिकाओं, दूरदर्शन तथा निजी टी.वी. चैनल में सक्रिय पत्रकार, टी.वी. कार्यक्रम प्रोड्यूसर एवं एंकर के रूप में कार्यानुभवी प्रोफेसर राय देश में पहली बार हिंदी पत्रकारिता की पढ़ाई स्नातक (ऑनर्स) स्तर पर प्रारंभ करने वालों में से एक हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय में इसे 1994 में प्रारंभ किया गया था जिससे प्रोफेसर राय सक्रिय रूप से संबद्ध रहे. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष का दायित्व भी आप पूर्व में निभा चुके हैं. केविवि में उनके बतौर प्रभारी कुलपति पद का कार्यभार ग्रहण करने पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शैक्षणिक और ग़ैर-शैक्षणिक कर्मियों ने बधाई दी है तथा केविवि के अकादमिक एवं शैक्षिक उन्नयन में उनके महत्वपूर्ण योगदान की कामना की है.