क्रिकेटर और डॉक्टर बनना है ख्वाब
पृथ्वी सोम सिन्हा है वर्ग तीन का छात्र
अभी से दिखता है लगन और परिश्रम
बालक की सामर्थ्य स्वतः ही विकासशील होती है. आवश्यकता मात्र इस बात की होती है कि उसकी विकास दिशा के प्रति जागरूक रहा जाए और सहायता की जाए. बालक की इच्छा का सदैव सम्मान करना चाहिए. जिस समय उसके मन में क्रीड़ा की लालसा प्रबल है, उस समय अध्ययन के लिए बैठने को विवश करना उस पर अन्याय है. सही विधि यह है कि उसे खेलने की अनुमति दे दी जाए और स्मरण करा दिया जाए कि इसके बाद पढ़ना है. वह सहर्ष इसे स्वीकार कर लेगा. उल्लास बच्चे में भरपूर होता है, उस उल्लास को कभी भी दबाना नहीं चाहिए. उसका सही उपयोग करना चाहिए. ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है क्राइस्ट चर्च हाई स्कूल के वर्ग तीन के छात्र पृथ्वी सोम सिन्हा में .क्रिकेटर और डॉक्टर बनने की अभी से इच्छा और कड़ी मेहनत ने उसे अपने वर्ग में चैम्पियन बना दिया ,वीते दिनों स्कुल के वार्षिक समारोह में जब उसका नाम की घोषणा हुई तो उसकी ख़ुशी का ठिकान नहीं रहा . कदम कुआँ में रहनेवाले पृथ्वी सोम सिन्हा को विद्यालय के प्राचार्य संजय झा नेवर्ग में A रैंक प्राप्त करने पर मैडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया . पृथ्वी सोम सिन्हा के क्लास में 60 बच्चे पढ़ते है और उसका A रैंक प्राप्त करना ये बताता हैकि बच्चे में जो प्रतिभा है वह आगे चल कर जरूर अपने माता -पिता का नाम रौशन करेगा .पृथ्वी सोम सिन्हा के माता पिता भी उसके इस प्रदर्शन से काफी खुश हैं .