बिहार समेत पूरेेे देश में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हो रहा है. यह बदलाव शिक्षकों की योग्यता से जुड़ा है और इस बदलाव की शुरूआत कर दी है पटना हाई कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले ने.
4 नवंबर को एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय दिया है. हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में B.Ed डिग्री और D.El.Ed डिग्री वाले अभ्यर्थियों में कोई फर्क नहीं हो सकता जब तक कि इस बारे में कोई कानून नहीं बनाया गया हो.
क्या है पूरा मामला!
बिहार में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 90000 से ज्यादा पदों के लिएछठे चरण की नियोजन की प्रक्रिया पिछले साल जुलाई महीने में शुरू हुई थी इसमें आवेदन करने वाले अभ्यर्थी B.ed और D.El.Ed दोनों थे लेकिन 22 नवंबर 2019 को आवेदन प्रक्रिया खत्म होने के बाद 17 दिसंबर 2019 को बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने एक मेमो आर्डर निकाल कर यह स्पष्ट किया कि प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन में डीएलएड डिग्री धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी. शिक्षा विभाग के इस ऑर्डर के खिलाफ B.Ed डिग्री वाले अभ्यर्थी पटना हाईकोर्ट चले गए. उनका कहना था कि एनसीटीई ने B.ed और डीएलएड डिग्री के लिए प्राथमिकता जैसा कोई शब्द का उपयोग नहीं किया है. इसके अलावा, किसी भी आवेदन प्रक्रिया की बीच में कोई भी विभाग कोई नया आदेश नहीं निकाल सकता है ना ही कोई परिवर्तन कर सकता है, इसलिए इस 17 दिसंबर 2019 के आदेश को रद्द किया जाए. इसी मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में पिछले कुछ महीनों से सुनवाई चल रही थी और हाईकोर्ट ने नियोजन पत्र देने पर स्टे लगाया हुआ था.
पटना हाईकोर्ट का निर्णय
इस केस से जुड़े पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्र ने पटना नाउ बताया कि पटना हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में चार नवंबर को जो आदेश जारी किया है उसमेंं कहा है कि बिहार में छठे चरण के प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में 17 दिसंबर 2019 को जो पत्र शिक्षा विभाग ने प्राथमिकता को लेकर जारी किया है उसे रद्द किया जाता है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर बिहार सरकार चाहे तो भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के लिए डी एल एड अभ्यर्थियों को कक्षा 1 से 5 में प्राथमिकता देने का आदेश जारी कर सकती है और नए आदेश के तहत नई बहाली में सिर्फ डी एल एड अभ्यर्थियों से आवेदन ले सकती है.
क्या करेगा शिक्षा विभाग!
इस बारे में पटना हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने पटना नाउ को बताया कि जल्द ही नियोजन की नई तारीख घोषित की जाएगी और पटना हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक छठे चरण में प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि काउंसलिंग के बाद कम से कम 1 महीने का वक्त शिक्षा विभाग अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच के लिए लेगा. उसके बाद ही किसी भी अभ्यर्थी को नियोजन पत्र जारी होगा.
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