पटना।। बिहार के चम्पारण की शान, मर्चा धान को मिला है जीआई टैग. बिहार के लिए ये गौरव का विषय है. मर्चा धान, चावल, चूड़ा अपने स्वाद, खुशबू एवं पोषक तत्वों के कारण सर्वत्र प्रसिद्ध हैं. कृषि और परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि अब तक बिहार के छह कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है. उन्होंने सभी किसानों तथा पदाधिकारियों को बधाई दी है .
बिहार के एक और उपज को अब अंतराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिलेगी. बिहार के पश्चिम चंपारण के उत्पाद मर्चा धान को शनिवार को केंद्र सरकार ने जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग दे दिया है. जीआई टैग मिलने से यहां के किसानों को अब काफी लाभ मिलने को संभावना है. किसानों को अब मर्चा धान का बेहतर दाम मिल पाएगा.
दाने और गुच्छे में एक खास सुगंध
बता दें कि मर्चा धान की आकृति अन्य धान से काफी अलग काली मिर्च की तरह होता है. इसलिए इसको मिर्चा या मर्चा धान के नाम से जाना जाता है. धान से निकलने वाले चावल के दाने और गुच्छे में एक खास सुगंध होती है, जो इसे अलग बनाती है.
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