पटना (राजेश तिवारी की रिपोर्ट) | महात्मा गांधी सेतु पर सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण में बरती जा रही अनियमितता के संबंध में सोमवार को कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने विधान परिषद में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार पर जमकर हमला बोला. मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु पर सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण कार्य में अनुबंध कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा निर्माण कार्य में निम्न गुणवत्ता वाले स्टील का प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अनुबंध के अनुसार स्ट्रक्चर में जंग प्रूफ और अधिक ताकतवर स्टील का उपयोग करना है जबकि परियोजना के 70% लागत यानि 1000 करोड़ रुपए की 70000 मैट्रिक टन सामान्य और गैर जंगप्रूफ स्टील की खरीद की जा रही है. ऐसा करना अनुबंध का उल्लंघन है. इस बाबत जब दो अधिकारी, तत्कालिक कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार सिंह एवं एग्जीक्यूटिव रेसिडेंट इंजीनियर आई०एन०मिश्रा ने जंग प्रूफ स्टील ना होने पर लिखित विरोध दर्ज किया तो दोनों को सेतु पुल निर्माण कार्य से ही हटा दिया गया.
विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने आगे बताया कि अनुबन्ध के अनुसार सुपर स्ट्रक्चर को टुकड़ों टुकड़ों सेगमेंट में काटना है जबकि पुल की आधी से अधिक लंबाई के मलबे को नदी में गिराया जा रहा है जो अनुबंध के विपरीत है. सेतु के एक लेन को नवंबर 2018 तक ही पूरा हो जाना चाहिए था परंतु कार्य की प्रगति को देखते हुए लगता है कि अभी काफी और समय लगेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि सेतु निर्माण कार्य का कोई पर्यवेक्षण व मॉनिटरिंग नहीं हो रहा है जो अत्यंत ही गंभीर मामला है तथा ये बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की संभावनाओं की इशारा कर रही है. मैं सरकार से इस संबंध में सदन में एक स्पष्ट की मांग करता हूं.