ड्यूटी पर कोताही के आरोप से घिरे डॉक्टर का रियलिटी चेक
मरीजों ने कहा, हमारे लिए भगवान हैं ये
अस्पताल के पुर्जे पर ही निजी क्लिनिक पर भी फ्री में करते हैं गरीब मरीजों का इलाज
आरा में इन दिनों एक सरकारी डेंटल सर्जन काफी चर्चा में हैं. हम बात कर रहे हैं चर्चित डॉक्टर प्रतीक की. सदर
अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर प्रतीक पर ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप लगे है. आरोप के बाद सोशल मीडिया में व्हाट्सअप के एक ग्रुप में उनके सामाजिक प्रतिष्ठा पर हुए हमले के बाद उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए झूठे आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही है. बताते चलें कि गुरुवार को अस्पताल परिसर में एक मरीज के बाइट जिसमे उसने कहा कि डाक्टर प्रतीक जो एक डेंटल सर्जन है अपने ड्यूटी पर आते ही नही है. ड्यूटी पर आने में कोताही बरतने को लेकर जिलाधिकारी भोजपुरी इसे संज्ञान में लिया है और कार्रवाई की बात कही है. जिलाधिकारी के इस त्वरित एक्शन के बाद सोशल मीडिया में यह बात आग की तरफ फैल गई.
सोशल मीडिया में मचे इस घमासान के बाद पटना नाउ ने वास्तविकता जानने के लिए सदर अस्पताल का आज रियलिटी चेक किया. इस दौरान डॉक्टर प्रतीक अपने ड्यूटी पर मुस्तैद दिखे और वही मरीजों से बातचीत के क्रम में भी पता चला की डॉ प्रतीक ऐसे सामाजिक प्रतिष्ठा वाले डॉक्टर है जो अपने गरीब मरीजो को सदर अस्पताल में कटाये गये दो रुपए के पुर्जे के बाद भी अपने प्राइवेट क्लीनिक पर उनसे कोई फी नहीं लेते हैं.
पटना नाउ ने जब उनसे पूछा कि उन पर आरोप है कि आप मरीजों को अपने प्राइवेट क्लीनिक पर बुलाते है और आप निजी क्लिनिक भी चलाते हैं, तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि इस बात की सत्यता आप अस्पताल और मेरे निजी क्लीनिक पर आने वाले मरीजों से खुद ही ले लीजिए. रही बात निजी क्लिनिक चलाने की तो वो में राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा निर्देश के अनुरूप अस्पताल में अपने ड्यूटी के बाद के समय मे चलाता हूँ. लेकिन उस निजी क्लिनिक में भी ज्यादा भागीदारी गरीब मरीजो की ही होती है जहां मैं उनका मुफ्त इलाज करता हूँ.
डॉक्टर के बात की सत्यता अस्पताल में आये मरीजों ने ही दे दिया. बभंगावां से आई एक मरीज रीता देवी ने कहा कि दूसरे जगह प्राइवेट क्लिनिक में डॉक्टर 2000 रुपये उसके दाँत के इलाज के लिए मांग रहे थे. वह डॉक्टर प्रतीक के निजी क्लिनिक पर ही इलाज कराने वाली थी लेकिन डॉक्टर प्रतीक ने सदर अस्पताल में ही करने की सलाह दी और मुफ्त में इलाज कर दिया. डॉक्टर के इस व्यवहार ने उन्हें भगवान तुल्य बना दिया जिसकी वजह से मरीज उन्हें भगवान ही मान रही है. ऐसे ही कई अन्य मरीजों से भी बात हुई जिन्होंने डॉक्टर द्वारा उन्हें निजी क्लिनिक पर बुलाने का खंडन किया.
सूत्रों की मानें तो मरीज के बाईट वाला वीडियो 3 माह पुराना है.
आरा से ओपी पांडे