सांस लेने में होने लगी दिक्कत ,कई लोगों को जाना पड़ा अस्पताल
पटना की हवा में प्रदूषण का स्तर जानलेवा बन गया है. दीपावली के दिन शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति अधिक खराब हो गई , नौ से दस बजे के बीच पटाखों के धुएं ने पूरे शहर को धुंध से ढंक दिया. यह स्थिति तब हुई, जब सरकार के स्तर से शहर में आतिशबाजी पर रोक लगाई गई थी. वायु प्रदूषण का सबसे बुरा हाल कंकडबाग,राजबंशीनगर और पाटलिपुत्र कदमकुआं के इलाके में है. इन इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार चला गया है. राजधानी के कई इलाकों में एक्यूआइ 250 के करीब या इससे अधिक तक रहा. बेहतर हवा के लिए AQI का 50 से कम रहना चाहिए.
दीपावली से पाहले एनजीटी राष्ट्रीय हरित के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बार पटना सहित बिहार के गया और मुजफ्फरपुर सहित चार शहरों में दीवाली पर आतिशबाजी पर रोक लगाई थी बावजूद इसके खुलेआम पटाखों की बिक्री हुई और लोगों ने जम के पटाखों की खरीददारी की और देर रात तक पटाखे जलाते रहे. एक रिसर्च के मुताबिक वायु प्र’दूषण के कारण पटना में लोगों की उम्र औसतन 7.7 वर्ष कम हो रही है. सरकार ने प्र’दूषण की रोकथाम में लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन स्थि’ति अभी भी चिं’ताजनक बनी हुई है. केंद्रीय प्र’दूषण नि’यंत्रण बोर्ड की ओर से बुधवार को जारी देश के 104 शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में पटना देश में चौथे तो मुजफ्फरपुर सातवें पायदान पर है.
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